Bastar। बस्तर में डेंगू बीते एक महीने में 6 नागरिकों की जान ले चुका है। बीते 8 अगस्त को छठवीं मौत दर्ज की गई है। खबरें हैं कि, बस्तर के कई इलाक़ों में डेंगू के मरीज़ मौजूद हैं। वहीं मलेरिया के भी लगातार प्रकरण मिल रहे हैं। बस्तर को लेकर मलेरिया सालों से परेशानी का दूसरा नाम है।सरकार की ओर से हालाँकि मलेरिया को लेकर अभियान लगातार जारी है, इसमें भी कहीं कोई शक नहीं, लेकिन मलेरिया अब भी बस्तर के लिए डरावना मसला है।
डेंगू से छ मौतें
बस्तर ज़िला प्रशासन ने जो आँकड़ा उपलब्ध कराया है, उसके अनुसार पहली मौत तीन जुलाई को दर्ज की गई है।जबकि छठवीं आठ अगस्त को हुई है।जो ब्यौरा है उसके अनुसार सभी मृतक जगदलपुर के ही हैं, छ में से १ मौत के कारण में डेंगू, जबकि तीन में डेंगू शॉक सिन्ड्रोम, एक में डेंगू सीआडी, एक अन्य में डेंगू के साथ रिस्पेरेटरिक सैप्टिक शॉक और बीपी का उल्लेख है।
बोले स्वास्थ्य मंत्री - जटिल भौगोलिक परिवेश और संवेदनशील इलाका चुनाैती लेकिन अमला सक्रिय
मलेरिया को लेकर बस्तर में पीड़ित लगातार मिल रहे हैं। आज ही स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने ट्विट कर वीडियो शेयर किया है, जिसमें इंद्रावती नदी के बाढ़ को नाव से पार करते स्वास्थ्य अमला दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने द सूत्र से कहा
“बस्तर में मलेरिया को लेकर सतत कार्य जारी है। प्रभाव प्रतिशत घटा है लेकिन मैं खुद यह मानता हूँ कि अभी बहुत काम बचा है। बस्तर के कई इलाक़ों में अब भी पुल पुलिया नहीं है। फिर भी स्वास्थ्य अमला जा रहा है, बस्तर के अंदरूनी इलाक़े भी बेहद संवेदनशील हैं।पर स्वास्थ्य अमला निरंतर सक्रिय है, मलेरिया को लेकर लगातार काम करने की ज़रूरत है, और वह काम हो रहा है”
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा
“दवाओं की कमी नहीं है, यह सही है कि एक मौत भी इन वजहों से स्वीकार नहीं है, मौत दुखी करती है। मैं निर्देश दे चुका हूँ डेंगू को लेकर व्यापक और प्रभावी अभियान चलाएँ।“