Durg: पॉलिसी सेटल कराने के नाम पर ठगों ने एक बुजुर्ग को लाखों रुपये का चूना लगा दिया। मामला दुर्ग जिले स्थित भिलाई का है। जो बुजुर्ग ठगी का शिकार हुए हैं वो खुद भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी रहे हैं। ठगी का शिकार होने के बाद बुजुर्ग व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
क्या है पूरा मामला?
भिलाई के निवई थाना क्षेत्र की ये घटना है। जहां पॉलिसी सेटल कराने के नाम पर भिलाई स्टील प्लांट से रिटायर्ड बुजुर्ग चंद्रभान वर्मा से लाखों रुपए की ठगी हुई। शातिर ठगों ने चंद्रभान वर्मा को अपनी बातों के जाल में फंसाकर घटना को अंजाम दिया। ठगी का अहसास होने पर बुजुर्ग ने नेवई थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
नेवई पुलिस के मुताबिक 5 अक्टूबर 2020 को चंद्रभावन वर्मा के मोबाइल पर एक अंजान कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को वित्त मंत्रालय दिल्ली का अधिकारी बताया। उसने चंद्रभान वर्मा से कहा कि वह साल 2013 में खरीदी गई HDFC इंश्योरेंस कंपनी की दो पालिसी और बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस की चार पालिसी की रकम को वापस दिला देगा। उनसे कुछ फॉर्मेलिटीज करने को कहा। वर्मा की एचडीएफसी की पॉलिसी 25 हजार और 50 हजार की थीं। बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस की चार पॉलिसी में से 15-15 हजार और दो 21 और 22 हजार की थीं।
ठगों ने पहले बुजुर्ग से एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक की फरीदाबाद ब्रांच में पहले 34,200 रुपये और फिर एक बार 78,400 रुपये जमा करने के लिए कहा। इसके कुछ दिन बाद 27 अक्टूबर 2020 को बुजुर्ग के पास वॉट्सएप पर वित्त मंत्रालय का पत्र आया। उसमें लिखा था कि 17 लाख 35 हजार 900 रुपए उसके बैंक एकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। लेकिन बुजुर्ग ने अपना अकाउंट चेक नहीं किया।
बार बार देते रहे पैसे
इसके बाद फिर ठगों ने प्रोसेस के नाम पर रुपए मांगे। इस पर चंद्रभान वर्मा ने 11 नवंबर 2020 को 71,172 रुपए ए.यू. स्मॉल फाइनेंस बैंक फरीदाबाद के खाते में आरटीजीएस किए। इसके बाद उसी दिन जीएसटी बैलेंस के नाम पर 1,38,872 रुपए, 13 नवंबर 2020 को 1 लाख 81,000 एकाउंट फ्रीज होने के कारण जमा करवाए। 26 नवंबर 2020 को 2 लाख 20,017 रुपए फंड रिलीज कराने के लिये, 27 नवंबर 2020 को फिक्स डिपाजिट की रसीद भेजकर फिर से 2 लाख 90,017 रुपए जमा कराए। इस तरह ठगों ने धीरे-धीरे करके बुजुर्ग से 15 लाख 66,000 रुपए ठग लिए।
इसके बाद बुजुर्ग को होश आया। लगातार पैसे देते देते जब वो थक गए। तब उन्हें समझ आया कि वो बड़ी मुसीबत का शिकार हो चुके हैं। उसके बाद वो शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचे।