GARIABAND: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में एक अजीबोगरीब चोरी का मामला सामने आया हैं, मामला है स्कूल की चोरी का। छत्तीसगढ़ के जंगल में रहने वाले कमार जनजाति के आदिवासियों ने थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई हैं। एफआईआर दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने थाना प्रभारी से अनुरोध किया है कि वे स्कूल को ढूंढकर लाए, ताकि उनके बच्चो का भविष्य बच सके और वे पढ़ाई कर सके। पुलिस भी अब सोच में पड़ गई है कि वे अब स्कूल को कहां और कैसे ढूंढे।
आदिवासी सैकड़ो की संख्या में मैनपुर थाने पहुंचे थे। आवेदन में ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1989 से बड़ेगोबरा गांव में आदिवासी आश्रम संचालित किया जा रहा था। 2012-2013 में भवन चोरी हो गया था। आश्रम को ग्रामीण पिछले 10 साल से ढूंढ रहे है पर अभी तक आश्रम का कोई पता नही चला है। ग्रामीण अब अपने बच्चो के भविष्य को लेकर चिंतित है । पुलिस अब इस मामले की अपने स्तर से जांच कर रही है।
10 साल से भवन है गायब
सन् 1989 में जनजातियों को बेहतर शिक्षा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए बड़गोबरा गांव में सरकार ने आदिवासियो के गांव में एक आदिवासी बालक आश्रम शुरू किया था। आश्रम में लगभग 100 बच्चे पढ़ाई करते थे। 2011 में आश्रम के विकास कार्य के लिए सरकार द्वारा लाखों रूपयों की स्वीकृति दी गई। आश्रम को बड़गोबरा गांव के लिए प्रस्तावित किया गया था पर किसी अफसर के कहने पर आश्रम को 10 किलोमीटर दूर भाठीगढ़ में बना दिया गया। अफसर पर जांच की बात कही गई जो आज तक नहीं हुई।
10 साल से जारी संघर्ष
गोबरा के सरपंच रामस्वरूप मरकाम ने बताया कि ग्रामीणों ने पिछले 10 सालो में कई अफसरो, सांसदों , मंत्रियों को कई आवेदन दिए पर किसी पर कोई जवाब नहीं आया जिसके फलस्वरूप ग्रामीणों को एफआईआर दर्ज करानी पड़ी। अफसरो ने कई आश्वासन दिए पर किसी पर कोई अमल नहीं हुआ। मैनपुर जिले के थाना प्रभारी सूर्यकांत भारद्वाज ने बताया कि वे बड़े गोबरा के ग्रामीणों की शिकायत पर अब अपने स्तर से जांच करेंगे।