Raipur। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से बीते 28 जून को जारी अधिसूचना को छत्तीसगढ़ में लागू किए जाने से रोकने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी ने राज्यपाल सुश्री अनुसूइया उइके को पत्र लिखकर विशेषाधिकार का प्रयोग कर के छत्तीसगढ़ में इसे लागू करने से रोकने की माँग की है। हालिया दिनों छत्तीसगढ़ विधानसभा ने भी इस अधिसूचना के विरोध में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है।
क्या लिखा है पत्र में
कांग्रेस की ओर से भेजे पत्र में इस अधिसूचना को लेकर आरोप लगाया गया है कि,यह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के हितों के विपरीत है।इस अधिसूचना से पेसा क़ानून और वन अधिकार अधिनियम 2006 के उल्लंघन का आरोप भी लगाया गया है।पत्र में बताया गया है कि,परियोजना जाँच समिति के गठन का अधिकार राज्य सरकार को दिया गया है, उसमें किसी भी विशेषज्ञ अशासकीय सदस्यों को रखने का प्रावधान नहीं किया गया है।
राज्यपाल से आग्रह
पत्र में कांग्रेस ने पाँचवीं अनुसूची का हवाला देते हुए पाँच बिंदुओं में विस्तृत ब्यौरा देते हुए बताया है कि, राज्यपाल को विशिष्ट अधिकार प्राप्त होते हैं। इन अधिकारों के हवाले से यह आग्रह कांग्रेस ने किया है कि, इस अधिसूचना को छत्तीसगढ़ में लागू होने से रोकने के लिए राज्यपाल विशेषाधिकार का प्रयोग करें।
पत्र के लिए कृप