रायपुर के हसदेव अरण्य एक्सटेंशन प्रोजेक्ट में पेड़ कटाई शुरू, पुलिस ने आंदोलनकारी आदिवासियों को कस्टडी में लिया, प्रशासन चुप

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Yagyawalkya Mishra
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रायपुर के हसदेव अरण्य एक्सटेंशन प्रोजेक्ट में पेड़ कटाई शुरू, पुलिस ने आंदोलनकारी आदिवासियों को कस्टडी में लिया, प्रशासन चुप

Raipur. हसदेव अरण्य से अहम खबर आ रही है। तड़के पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में परसा केते एक्सटेंशन को लेकर पेड़ कटाई शुरू हो गई है। इसके पहले पुलिस ने क़रीब सत्रह उन आदिवासियों को अपनी अभिरक्षा में रखा है जो हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन से जुड़े हुए हैं। इस मसले को लेकर प्रशासन की ओर से अधिकृत कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता, कलेक्टर कुंदन कुमार को लगातार फ़ोन किया जा रहा है, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं है।



तड़के करीब साढ़े 5 बजे से चल रही कार्रवाई



खबरें हैं कि, तड़के साढ़े पाँच बजे से पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुए, और बीते दिनों आंदोलन से जुड़े आदिवासियों पर जो ग़ैर ज़मानती धाराओं में FIR की गई थी, उस मामले में आदिवासियों को उनके घरों से उठा लिया गया।हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन से जुड़े जिन आदिवासियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की सूचना है उनमें -

उमेश्वर सिंह अर्मो (सरपंच पतुरियाडांड),जगरनाथ बड़ा (ग्राम पुटा),जयनंदन  सिंह ( सरपंच ग्राम घटबर्रा),राम सिंह मरकाम,श्रीपल सिंह ( सरपंच बासेन),ठाकुर राम खुसरो ( ग्राम सालहि),शिव प्रसाद की पत्नी (ग्राम बासेन),श्रीपाल सरपंच की पत्नी (ग्राम बासेन),श्याम लाल श्याम और उनकी पत्नी ( ग्राम बासेन),10. आनंद राम कुसरो ( ग्राम सालहि) के नाम शामिल हैं।



एक पत्र भी वायरल हो रहा है



सुबह हसदेव अरण्य के जंगल कटने शुरु हुए और आंदोलनकारी आदिवासियों को अभिरक्षा में लेने की खबरों के बीच एक पत्र भी सामने आया है। बताया गया है कि यह पत्र कल मंत्री सिंहदेव और आंदोलनकारी आदिवासियों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाक़ात के बाद जारी हुआ था। यह मुलाक़ात मंत्री सिंहदेव की उस घोषणा के बाद हुई जिसमें उन्होंने सीएम बघेल के हवाले से कहा था कि, हसदेव अरण्य इलाक़े में नई खदानें नहीं खुलेंगी, लेकिन चल रही खदान के फ़ेज़ 2 एक्सटेंशन को रोका नहीं जाएगा। इस पत्र में प्रमुख तीन बातें लिखी हैं -




  • परसा और केते एक्सटेंशन कोयला खदान रद्द करने के लिए आपने जो घोषणा की है,उसके लिए हम आभारी हैं।


  • राज्य सरकार दो नए कोयला खदानों की पर्यावरण और वन स्वीकृति रद्द करने का आदेश जारी कर दे। इस आदेश के तत्काल बाद अपना धरना समाप्त करने का वचन देते हैं।

  • घाटबर्रा के इलाक़े में फ़ेज़ 2 के लिए 43 हैक्टेयर में खनन के लिए ग्रामवासियों की सहमति हो तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं होगी।



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    सवाल है



    यह ग़ौरतलब है कि, पत्र में जिनके हस्ताक्षर हैं, उनमें से ही कई पुलिस अभिरक्षा में तड़के से मौजूद हैं, सवाल दो हैं कि, यदि आंदोलनकारी आदिवासी सहजता से मान रहे थे कि, पहले दो माईंस नहीं खुलने के लिए फ़ॉरेस्ट क्लियरेंस रद्द कर दें और एक्सटेंशन के लिए ग्रामीणों की सहमति ले लें तो फिर इतनी हड़बड़ाहट क्यों थी ?



    प्रशासन चुप क्यों हैं?



    हमारे लगातार प्रयास के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई पक्ष नहीं आया है। एसपी कलेक्टर फ़ोन पर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। यह चुप्पी का कारण समझ से परे है। बहरहाल यदि प्रशासन कोई पक्ष या कि तथ्य या कि बयान जारी करता है तो उसे हम आपके सामने प्रस्तुत कर देंगे।


    Chhattisgarh हसदेव अरण्य आंदोलन एक्सटेंशन में पेड़ कटाई शुरु आंदोलनकारी आदिवासी हिरासत में पुलिस ने तड़के घरों से उठाया एक्सटेंशन पर सहमति थी लेकिन दो नई खदानों के निरस्ती का आदेश माँग रहे थे आंदोलनकारी