महंगाई से जीना मुश्किलः 8 महीने में खाने का तेल 50% महंगा हुआ, सिलेंडर के दाम 165 रु. बढ़े

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महंगाई से जीना मुश्किलः 8 महीने में खाने का तेल 50% महंगा हुआ, सिलेंडर के दाम 165 रु. बढ़े

सुनील शुक्ला। महंगाई की मार से पहले से ही परेशान आम आदमी की जेब पर अब रसोई गैस (LPG)के दाम का बोझ बढ़ गया है। तेल कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर के दाम करीब 25 रुपए बढ़ा दिए हैं। भोपाल में 14.2 किलो ग्राम के सिलेंडर की नई कीमत अब 865.50 रुपए हो गई है। जबकि इसी साल जनवरी में गैस सिलेंडर के दाम 700.00 रुपए थे। इस लिहाज से देखा जाए तो पिछले आठ महीनें में गैस सिलेंडर 165.50 रुपए महंगा हो गया है। कीमत में यह वृद्धि करीब 22 फीसदी है। आम आदमी की कमर तोड़ महंगाई के चलते गैस सिलेंडर ही नहीं आटा-दाल से लेकर खाने का तेल (Edable Oil) और दूध (Milk) भी महंगा हो गया है।

इस साल 8 महीने में ही 22 फीसदी महंगा हो गया गैस सिलेंडर

एलपीजी (LPG) डीलर एसोसिएशन के मुताबिक मई 2020 में रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी खत्म होने के बाद देश में 11 बार इसके दाम बढ़े हैं। 1 मई 2020 को 14.2 किलोग्राम वजन का सिलेंडर 588 रुपए का आता था। बता दें कि मई 2020 में तेल कंपनियों ने गैस सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी थी। इस लिहाज से देखा जाए तो तब से अब तक देश में रसोई गैस सिलेंडर करीब 47.20 फीसदी महंगा हो गया है। एलपीजी डीलर अशोक बवेजा के मुताबिक इसी साल के 8 महीनों में सिलेंडर के दाम करीब 22 फीसदी बढ़े हैं।  हालांकि इस बीच दो बार सिलेंडर के दाम 6 से 10 रुपए तक घटाए भी गए लेकिन बढ़ोतरी कहीं ज्यादा हुई है। आम आदमी केंद्र सरकार से पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जाने की उम्मीद लगाए बैठा था लेकिन सरकारी तेल कंपनियों ने उसे झटका देते हुए एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ा दिए।

वित्त मंत्री का पेट्रोल-डीजल पर राहत से इनकार

वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 17 अगस्त को देशवासियों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए साफ कर दिया कि अभी पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर केंद्र सरकार द्वारा वसूली जा रही एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने देश में पेट्रोलियम की आसमान छूती कीमतों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछली यूपीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इसके पीछे उनका तर्क है कि यूपीए (UPA) सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने के लिए तेल कंपनियों को 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बांड जारी किए थे। इन बांड का बोझ अब मोदी सरकार के ऊपर आ गया है। सरकार ने इन बांड्स पर पिछले 5 साल में 70,195 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाया है। 2026 तक 37 हजार करोड़ रुपए का भुगतान करना है। यदि इन ऑयल बांड का बोझ नहीं होता तो सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाने की हालत में होती।

मध्यप्रदेश पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह के मुताबिक इस साल जनवरी से अब तक के 8 महीनों में ही पेट्रोल और डीजल के दाम में करीब 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस साल 1 जनवरी को पेट्रोल की कीमत 91.46 रुपए प्रति लीटर थी जो बढ़कर अब 110.27 रुपए हो गई है। इसी तरह डीजल के दाम 1 जनवरी को 81.64 रुपए प्रति लीटर थे जो अब 98.51 रुपए हो गया है।

खाने का तेल अभी भी 45 से 50 फीसदी महंगा

पेट्रोल-डीजल नहीं बल्कि खाने के तेलों ने भी आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ रखा है। तेल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी अधिकांश तेलों के दाम अभी ऊंचाई पर बने हुए हैं। राजधानी में थोक किराना कारोबारी प्रवीण अग्रवाल के मुताबिक किचन में भोजन पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाना वाला सोयाबीन का तेल इस साल करीब 45 फ़ीसदी महंगा हुआ है। इसी साल जनवरी में सोयाबीन तेल का भाव करीब ₹110 प्रति लीटर था जो अभी अगस्त में ₹160 के स्तर पर है। सोयाबीन के बाद घरों में सनफ्लॉवर यानी सूरजमुखी के तेल का उपयोग होता है। इस तेल के दाम भी इस साल करीब 50 फ़ीसदी बढ़े हैं। जनवरी में सनफ्लावर ऑयल कीमत करीब ₹120 प्रति लीटर थी जो अब अगस्त में ₹180 हो गई है।

क्यों महंगा हो रहा है खाने का तेल

खाने के तेल की ग्लोबल सप्लाई घटी है, दुनिया भर में बॉयो फ्यूल के लिए क्रूड पाम ऑयल की डिमांड में तेजी आई है। चीन में भी सोयाबीन की डिमांड लगातार बढ़ रही है। पिछले महीनों में ब्राजील, अर्जेंटीना में खराब मौसम की वजह से उत्पादन पर असर पड़ा है और घरेलू बाजार में भी खपत में वृद्धि हुई है। जानकारों का कहना है कि फेस्टिव सीजन में खाने के तेल में डिमांड और बढ़ेगी जिससे कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।

आटा-दाल के साथ दूध भी हुआ महंगा

खाने पीने की चीजों में सिर्फ तेल ही नहीं बल्कि आटा-दाल और दूध भी महंगा हुआ है। इस साल 8 महीनों में ही आटा करीब 20 फ़ीसदी महंगा हुआ है। ब्रांडेड आटे का 5 किलोग्राम का पैक जो इस साल जनवरी में करीब ₹150 का आता था उसका मूल्य बढ़कर अब ₹180 हो गया है। तुअर दाल जो पहले 100 रुपए प्रति किलो बिक रही थी। अब उसका दाम 105 रुपए के आसपास है। महंगाई के असर से दूध भी अछूता नहीं रहा है। हाल ही में पैकेज्ड मिल्क के सबसे बड़े ब्रांड अमूल (AMUL) ने भी दूध के दाम प्रति लीटर दो रुपए बढ़ा दिए हैं। अमूल के फुल क्रीम दूध का 500 मिली लीटर का जो पैकेट 27 रुपए का आता था। अब उसकी कीमत बढ़कर 28 रुपए हो गई है। अमूल के मैनेजमेंट ने कीमत में वृद्धि का कारण महंगे डीजल से परिवहन लागत में बढ़ोतरी को बताया है।

इनकी कीमतों में इजाफा

वस्तु               (जनवरी 2021) (अगस्त 2021)    वृद्धि % में

सोयाबीन तेल       110.00       160.00                45.45

सनफ्लॉवर तेल     120.00       180.00                50.00

आटा                    30.00         36.00                 20

तुअर दाल             100.00       105.00               5.0

अमूल दूध             54.00          56.00                3.7

पेट्रोल                   91.46          110.27             20.56

डीजल                  81.64          98.51               20.66

एलपीजी               700.00       865.50              22.35

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