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कवर्धा में जगतगुरु शंकराचार्य बोले- हिंदू राष्ट्र से नहीं धर्म राज्य से सुखी होगी प्रजा, समाप्त हो धारा-130

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The Sootr CG
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कवर्धा में जगतगुरु शंकराचार्य बोले- हिंदू राष्ट्र से नहीं धर्म राज्य से सुखी होगी प्रजा, समाप्त हो धारा-130

KAWARDHA. ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीअविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का कवर्धा आगमन हुआ है। इस दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों से विभिन्न विषयों पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि देश को 'हिंदू राष्ट्र' नहीं 'धर्म राज्य' होने की जरूरत है। धर्म राज्य से ही प्रजा सुखी होगी। हमारे धर्म की शिक्षा जब प्रत्येक बालक को मिलेगी तब वो एक अच्छा नागरिक बनेगा, तब वह समाज को ऊंचा उठाएगा। इसलिए सबसे पहले आवश्यकता है कि संविधान की धारा-130 को समाप्त किया जाए। जिस धारा के कारण भारत देश का मुसलमान इस्लाम धर्म की शिक्षा अपने बच्चे को देता है।





गुरुकुल की शिक्षा को जीवित करने की जरूरत





शंकराचार्य ने कहा कि गुरुकुल प्रणाली समाप्त हो गई। अब बच्चों को पता नहीं कि हम जिस धर्म में हैं उसकी क्या विशेषता हैं, जिस संस्कृति में हम हैं, वो संस्कृति कैसे आगे बढ़ती है और किस कारण से हम सिरमौर थे ? जगतगुरु जी महाराज के अंतिम समय में उनके मन में यही विचार प्रतिबल हो गया था कि गुरुकुल प्रणाली को पुनर्जीवित करना है। उन्होंने बीते हुए माघ के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को ‘जगतगुरुकुलम’ नाम से एक संस्था की शुरुआत की और उन्होंने हमको आदेश दिया कि 10 हजार बच्चों का एक गुरुकुल खड़ा करें। एक ही परिसर में और उन बच्चों को नि:शुल्क भोजन, चिकित्सा, आवास और अध्यापन सुलभ कराकर उनको भारतीय संस्कृति की शिक्षा दो। इससे क्या होगा ? हमने पूछा तो उन्होंने कहा कि गुरुकुल की शिक्षा जैसे ही पुन: जीवित होगी वैसे ही भारत फिर से भारत हो जाएगा और उसका पुराना गौरव लौट के आ जाएगा, तो हम यही प्रयास कर रहे हैं। हमने इसे अपना पहला काम बनाया है।





हिंदू राज्य से नहीं धर्म राज्य से जरूर सुखी होगी प्रजा

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शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू राष्ट्र घोषित करने से क्या हो जाएगा? हिंदू राज्य तो रावण और कंस का भी था। वे लोग हिंदू थे कोई ब्राह्मण था, कोई क्षत्रिय था लेकिन उनके राज्य में प्रजा दुखी थी तो हिंदू राज्य से नहीं धर्म राज्य से जरूर प्रजा सुखी हो जाएगी। राम जी का जो राज्य है वो धर्म राज्य माना जाता है क्योंकि धर्म नियमों के अनुसार श्रीराम ने शासन किया। अगर रामराज्य लाया जाए तो प्रजा सुखी हो सकती है अन्यथा हिंदू राष्ट्र होने से कोई प्रजा सुखी नहीं हो सकती। ऐसी स्थिति में हिंदू राष्ट्र घोषित कर देने से क्या उपलब्धि हो जाएगी और हिंदू राष्ट्र तो है ही बहुमत से हमारा देश चलता है। 80 प्रतिशत से ज्यादा आज भी यहां पर हिंदू हैं तो ये तो हिंदुओं का राष्ट्र है। इसमें उसको नाम दे चाहे ना दे, नाम देने से नहीं होगा; काम देने से होगा।





धर्म की शिक्षा से अच्छे नागरिक बनेंगे बच्चे





हमारे धर्म की शिक्षा जब प्रत्येक बालक को मिलेगी तब वो एक अच्छा नागरिक बनेगा तब वो समाज को ऊंचा उठाएगा इसलिए सबसे पहले आवश्यकता जो है, वो यह है कि संविधान की धारा-130 को समाप्त किया जाए। इस धारा के कारण भारत देश का मुसलमान इस्लाम धर्म की शिक्षा अपने बच्चे को देता है। भारत का ईसाई, अपने ईसाई धर्म की शिक्षा अपने बच्चे को दे सकता है। स्कूल में इस तरह से दूसरे अल्पसंख्यक धर्म तथाकथित कहे जाते हैं। उनके अपने अनुयायी अपने विद्यालयों में अपने धर्म की शिक्षा दे सकते हैं लेकिन भारत का हिंदू अपने धर्म की शिक्षा भारत के स्कूल में धर्म की शिक्षा नहीं प्राप्त कर सकता। पहले तो उस धारा को समाप्त होना चाहिए और उसके बाद हमारे बच्चों को धर्म शिक्षा उपलब्ध होनी चाहिए। धर्म शिक्षा उपलब्ध होगी तो स्वाभाविक रूप से ये देश उन्नति कर जाएगा।



CG News छत्तीसगढ़ की खबरें Jagatguru Shankaracharya in kawardha Section-130 to be abolished Need a religion state not a Hindu nation कवर्धा में जगतगुरु शंकराचार्य धारा-130 खत्म होनी चाहिए हिंदू राष्ट्र नहीं धर्म राज्य चाहिए
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