SUKMA: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग (bastar) में बारिश आफत बन कर बरस रही है। भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। बस्तर संभाग के कुछ जिलों में ऐसे रास्ते हैं जो प्रदेश को दूसरे राज्यों से जोड़ते हैं। भारी बारिश की वजह से प्रदेश को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले ऐसे कई हाईवे बंद हैं। सुकमा (sukma) और बीजापुर (bijapur) जिले के कई गांव टापू में तब्दील हुए नजर आते हैं। ऐसा ही एक गांव है सुकमा से 35 किमी दूर नागलगुंडा। नागलगुंडा में मगलेर नदी (magler nadi) है जो इस वक्त उफान पर है। नदी का पानी चढ़ने से गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद एक जुगाड़ का पुल बनाया है। करीब 20 फीट ऊंचा और 150 फीट लंबा ये पुल लकड़ी और बिजली के तारों से बनाया गया है।
बिजली के लिए बिछे थे तार
5 साल पहले इन गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए तार डाले गए थे। बिजली तो आज तक पहुंची नहीं, उन तारों का दूसरे कामों में इस्तेमाल जरूर हो गया। गांव वालों ने तालों का उपयोग आवागमन का साधन बनाने में कर लिया। पुल को पार करके जाना खतरनाक तो है, लेकिन मजबूरी भी है।
पेड़ों पर बांधे बिजली के तार
नागलगुंड़ा गांव के लोगों ने नदी के किनारे लगे दो पेड़ों की टहनियों से तार बांध कर इस जुगाड़ के पुल को बनाया है। बिजली के तार को एक छोर से दूसरे छोर में बांधा गया है। बिजली के इन तारों के बीच बांस और लकड़ियों को फंसा कर पैर रखने की जगह बनाई गई है। पुल देखकर आप डर सकते हैं लेकिन इसका रोज उपयोग करना ग्रामीणों की मजबूरी है। राशन लाने, बाजार जाने, अस्पताल जैसे कई जरूरी काम ग्रामीण इसी पुल के जरिए करते हैं। बताया जाता है कि ग्रामीण कई दफा नदी पर पुल बनवाने प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई अब तक नहीं हुई है।