RAIPUR. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले कालीचरण महाराज 28 अक्टूबर को रायपुर कोर्ट पहुंचे। यहां उन पर लगे आरोपों पर चर्चा होनी थी। हम आपको बता दें कि पिछले साल धर्म संसद में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद उन पर राष्ट्रद्रोह समेत कई मामले दर्ज किए गए थे। कोर्ट में उनके वकील बृजेश पांडे ने सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश पेश किया जिसमें राष्ट्रद्रोह के मामले में कार्रवाई रोकने का निर्देश है।
11 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
इस पर न्यायाधीश ने अवलोकन करने की बात कह कर मामले की सुनवाई 11 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी। कोर्ट में कालीचरण महाराज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मामला कोर्ट में है, मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं। पूरा देश न्यायपालिका का सम्मान करता है और जो न्याय पालिका का सम्मान नहीं करता वो देशद्रोही है।
अपने बयान पर अडिग कालीचरण
उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणी पर कोई अफसोस नहीं है नोटों पर सरस्वती मां और गणेश की तस्वीर के बयान पर कहा कि ये अच्छी बात है। धर्म को लेकर जो राजनीति चल रही है उस पर कहा कि राजनीति में तो धर्म होना ही चाहिए तभी धर्मराज आएगा, हमें रामराज चाहिए तो राजा राम ही चाहिए।
धर्म संसद में बापू पर की थी टिप्पणी
बीते दिनों रावणभाठा मैदान में 2 दिवसीय धर्म संसद के अंतिम दिन कालीचरण ने अपने भाषण के दौरान राष्ट्रपिता के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की जमकर तारीफ की थी। बता दें कि रायपुर में धर्मसंसद के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला के शिवाजीनगर के रहने वाले हैं। भावसार समाज से आने वाले कालीचरण महाराज का असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। एक साधारण परिवार में जन्में अभिजीत के पिताजी धनंजय सराग की अकोला के जयन चौक में मेडिकल शॉप है। 48 साल के कालीचरण महाराज की पढ़ाई शहर के पेठ इलाके के टाउन जिला परिषद स्कूल में हुई है। हालांकि उन्होंने सिर्फ 8 वीं तक की पढ़ाई की है। लेकिन उन्होंने कई धर्मग्रंथों का अध्ययन किया है।
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