सागर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार (Government) द्वारा शिक्षा (Education) के स्तर को सुधारने (Reforms) हेतु, ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले छात्र-छात्राओं को निःशुल्क साइकिल वितरण की जाती हैं। जिला शिक्षा विभाग (Education Department) सागर (Sagar) के अधिकारी इस योजना में भी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। सागर जिले के कई स्कूलों में साइकिल वितरण योजना में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह साइकिले कक्षा 6 वीं और कक्षा 9 वीं के छात्र-छात्राओं को दी जाती हैं। स्कूलों (School) में दर्ज संख्या के हिसाब से शासन द्वारा साइकिले (Cycle) वितरण के लिए भेजी जाती हैं। लेकिन सागर के कई स्कूलों में सैकड़ों की संख्या में साइकिले रखी हुई हैं। जो अब जर्जर स्थिति मे पहुंच रहीं हैं। कुछ साइकिलों में जंग लग चुकी है, तो कुछ साइकिलों के ट्यूब-टायर खराब हो चुके हैं। कुछ साइकिले तो चोरी छुपे बेंची भी जा चुकी है, ऐसी भी आरोप लग रहे हैं।
साइकिले कबाड़ में तब्दील हो रही
जानकारी के अनुसार सागर जिले में करीब 5 हजार से अधिक साइकिले विभिन्न स्कूलों में रखी हुई हैं, जो धीरे-धीरे कबाड़ में तब्दील हो रही हैं। अगर देवरी हाई स्कूल की बात करें, तो करीब 4 सौ साइकिले 2019 से रखी हैं। अब इनमें से कई खराब हो चुकी हैं। इन साइकिलों का वितरण छात्र-छात्राओं को नहीं किया गया। कांग्रेस पार्टी के देवरी से विधायक और पूर्व मंत्री हर्ष यादव द्वारा शिक्षा विभाग के आयुक्त को पत्र लिखकर पूरे जिले भर में साइकिल वितरण की जानकारी मांगी गई थी। विभाग द्वारा जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार जिले में करीब 5 हजार से अधिक साइकिलें कबाड़ में धीरे-धीरे तब्दील होने की कगार पर पहुंच रही हैं। जब इस मामले पर विधायक की प्रतिक्रिया पूछी गई, तो उन्होंने उच्च स्तरीय जांच की मांग की। साथ ही विधानसभा में इस मुद्दे को उठाने की बात कही।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क साइकिल वितरण योजन?
जिन छात्रों के गाँव में माध्यमिक शिक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है तथा जो अन्य ग्राम/शहर में जाकर शासकीय शालाओं की कक्षा 6वीं एवं 9वीं में प्रवेश लेकर अध्ययन करते हैं। ऐसे समस्त बालक-बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिल वितरित की जाती हैं। इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग की छात्रों को मिलता है। इसका विस्तार करते हुए सभी प्रवर्ग की छात्रों को इसका लाभ दिया जाने लगा है।
इस योजना का और विस्तार करते हुए ऐसी छात्रों को भी निःशुल्क साइकिल दी जाने लगी है जिनके गांव में माध्यमिक शाला नहीं है और जो किसी अन्य गांव में स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में छठी कक्षा में प्रवेश लेती है।
योजना लागू होने के पहले ऐसे लाखों छात्र थे, जो प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ इसलिए घर में बैठ जाते थे, क्योंकि आगे की पढ़ाई के लिए मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल गांव के बाहर थे और उनके पास वहां जाने का साधन नहीं था। पैदल जाना कठिन भी था और असुरक्षित भी। इस योजना से अब यह समस्या दूर हो गई है।
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