Raipur। छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी को तेलंगाना वितरण कंपनी से जो करीब 3500 करोड़ की बकाया राशि नही मिल रही है,इस राशि के लिए नाेटिस इतने बार भेजे जा चुके हैं कि, वह फाईल का रूप ले चुका है,लेेकिन अब इस बकाए की वसुली के लिए छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी सख्त कानूनी कदम उठा सकती है। लगातार पत्र व्यवहार के बाद अक्टूबर 21 में छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी के शीर्ष अधिकारियाें की तेलंगाना विद्युत वितरण कंपनी के शीर्ष अधिकारियाें से बैठक भी हो चुकी है,उस बैठक में भी तेलंगाना की ओर से जल्द भुगतान करने और किस तरह यह भुगतान होंगे इसका प्रारूप भी भेजने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन फिर इसके बाद कुछ हो नही पाया। तेलंगाना से बकाए की रकम बढ़ते देख छत्तीसगढ़ ने बिजली आपूर्ति भी रोक दी है। संकेत हैं कि, जल्द ही इस मामले में कंपनी फोरम का रूख छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ले सकती है।
क्या है मसला
छत्तीसगढ़ हर माह 1000 मेगावाट बिजली तेलंगाना को देता था,यह सप्लाई मढवा स्थित पावर प्लांट से होती थी। इसे लेकर एमओयू 3 नवंबर 2014 को तेलंगाना सरकार और छत्तीसगढ़ के बीच साइन हुआ था। 22 सितंबर 2015 को पॉवर परचेज अनुबंध तैयार हुआ था ,जिसके तहत बारह बरस याने 5 मई 2029 तक पावर सप्लाई दी जानी थी। इसकी दरें प्रतिवर्ष राज्य विद्युत नियामक आयाेग के टेरिफ रेट के अनुसार तेलंगाना को देनी थी। इसकी मौजुदा दर प्रति यूनिट चार रूपए के आसपास थी। 6 मई 2017 को इस पॉवर परचेज अनुबंध के तहत सप्लाई तेलंगाना को शुरू हो गई। तेलंगाना ने वर्ष 17−18,18−19 और 19−20 तक भुगतान ठीक रखा लेकिन वर्ष 20−21 में बकाया की राशि बढ़ने लगी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने पॉवर सप्लाई की मात्रा कम करनी शुरू कर दी। नवंबर 2021 को वह दौर भी आया जबकि बकाया राशि आसमान छूने लगी और तब छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने तेलंगाना को हजार मैगावाट के बजाय केवल साै मैगावाट सप्लाई की,लेकिन बकाया राशि जब लगातार प्रयास के बावजुद नहीं आई तो छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी ने 1 अप्रैल 2022 से तेलंगाना को पूरी तरह सप्लाई रोक दी।
3500 करोड़ की है राशि
तेलंगाना विद्युत वितरण कंपनी से छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को करीब करीब 3500 करोड़ की राशि लेनी है, लेकिन अब तक छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी को सिवा लिखित आश्वासन के कुछ भी हासिल नही है। छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी के कार्यपालक निदेशक एम एच प्रसाद ने द सूत्र से कहा
हम तेलंगाना को प्रतिमाह एक हजार मेगावाट बिजली दे रहे थे,इसका भुगतान उन्हे राज्य विद्युत नियामक आयाेग द्वारा प्रतिवर्ष निर्धारित की जाने वाली राशि के तहत करना होता था, यह मौजुदा समय चार रूपए प्रति यूनिट के आसपास थी,यह बकाया लगातार बढ़ते हुए 3500 करोड़ पहुंच गया, छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियाें की टीम तेलंगाना विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियाें से मिली,अक्टूबर 2021 में इस बैठक में उन्होने लिखित में आश्वस्त किया कि, जल्द भुगतान करेंगे और साथ ही यह भी स्पष्ट करेंगे कि, किस क्रम में यह भुगतान होगा, लेकिन कोई भुगतान नही हुआ तो पावर सप्लाई रोकने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नही था,यह सही नही होता कि, हम बकाए की राशि और बढ़ने देते।
हालांकि छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी बकाया की वसुली के लिए आगे की कार्यवाही के बारे में कुछ नही बोल रहे हैं, लेकिन संकेत है कि,जल्द ही यदि तेलंगाना से बकाया की राशि नही मिली तो मामला कानूनी रूख ले लेगा। छत्तीसगढ़ विद्यूत वितरण कंपनी के पास कंपनी फाेरम समेत कई विधिक विकल्प मौजूद हैं।