Raipur. इस महीने की आख़िरी तारीख़ याने 31 अक्टूबर को राजीव भवन का तापमान गर्म रहने के क़यास हैं। खबरें हैं कि हालिया दिनों प्रदेश भर में हुए ट्रांसफ़र पोस्टिंग के मसले में संगठन की सिफ़ारिशों या कि सलाहियत पर किसी ने महत्व नहीं दिया। यही आलम निगम मंडलों में नियुक्ति को लेकर है। प्रदेश में राजनीति चुनावी मोड में जाने लगी है। संगठन की आपत्ति यह है कि, संगठन जिन्हें उपयोगी मानता है उन्हें महत्व नहीं मिलता, जबकि सत्ता में प्रभावी लोग कई बार ऐसी पोस्टिंग या नियुक्ति हासिल कर जा रहे हैं जिन्हें लेकर संगठन की भौंहें टेढ़ी होती रही हैं।इस बैठक में यह मसला पूरी गंभीरता से उठने की खबरें हैं।
पहले भी गरमाया है मसला
31 को होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सीएम भूपेश बघेल, संगठन के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया मौजूद रहेंगे और इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम करेंगे।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतरखाने जो मसला है उसमें राजीव भवन के भीतर ही कई ऐसे मसले आ चुके हैं जबकि पीसीसी चीफ़ मरकाम और सत्ता प्रमुख बघेल बिल्कुल अलग अलग राहों पर साफ़ खड़े दिखे। हालाँकि ऐसा कभी नहीं हुआ कि, मीडिया के कैमरों के सामने यह तल्ख़ी या गर्माहट सामने आई। इस बार भी कोई ऐसी स्थिति नहीं होगी कि वह मीडिया के कैमरे पर आए। लेकिन बंद कमरे के भीतर मसला गरम होगा, यह बात राजीव भवन के सूत्र ही बता रहे हैं।
28 से 30 बस्तर दौरे के तुरंत बाद है बैठक
संगठन प्रभारी पुनिया और पीसीसी चीफ़ मरकाम 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक बस्तर प्रवास पर रहेंगे।इस दौरान वे विधानसभा जगदलपुर और विधानसभा दंतेवाड़ा के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों से बैठक करेंगे। बस्तर की 12 और सरगुजा की 14 सीटें किसी भी पार्टी के लिए सत्ता वापसी के लिए सबसे अहम है। बस्तर और सरगुजा आदिवासी बाहुल्य सीटें हैं, और कांग्रेस की गोद में जा गिरी हैं, लेकिन इन ईलाकों में सियासती समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं, और कांग्रेस संगठन इसे लेकर चिंतित है।