Janjgir-champa। छत्तीसगढ़ में कल नारायण चंदेल के नेता प्रतिपक्ष बनते ही जांजगीर-चाँपा ज़िले को एक ऐसा विलक्षण संयोग मिल गया है, जिसकी स्थिति ना भूतो ना भविष्यति की है। जांजगीर चाँपा ज़िला छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का गृह क्षेत्र है। एक ही जिले से विधानसभा के तीन अहम किरदार आते हों, ऐसा संयोग एकीकृत मध्यप्रदेश या कि अन्य किसी राज्य में यूँ तो पता नहीं चला लेकिन यदि कहीं किसी राज्य में ऐसा हुआ भी हो तो छत्तीसगढ़ में तो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।
तीनों के गाँव पंद्रह किलोमीटर के घेरे में मौजूद
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत का गांव जांजगीर-चाँपा ज़िले के सारागांव में है, विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा का गांव मामा तालाब के सामने जांजगीर में है, जबकि नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल का गांव नैला जांजगीर में है। सारागांव जांजगीर से क़रीब पंद्रह किलोमीटर दूर है, जबकि नैला और जांजगीर के बीच बमुश्किल दो-तीन किलोमीटर की दूरी है।
कोसा काँसा और कंचन की नगरी की नई सियासती पहचान यह भी
जांजगीर चाँपा ज़िले को उत्पादन और निर्माण की वजह से कोसा काँसा और कंचन की नगरी कहा जाता है। वहाँ विश्वप्रसिद्ध कोसा के कपड़े का निर्माण होता है, वहीं कांसे के के बर्तन बनाए जाते हैं, कंचन याने स्वर्णाभूषण का निर्माण करने वाले कारीगरों की पृथक पहचान बताई जाती है। जांजगीर चाँपा ज़िले की एक पहचान पॉवर प्लांटों की वजह से भी है तो इस ज़िले की यह पहचान भी है कि, यह ज़िला छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक धान उत्पादन इलाक़े के रुप में जाना जाता है।
लेकिन अब जो परिचय हासिल है, वह सियासती संयोग से हासिल है, ज़ाहिर है ऐसे राजनैतिक संयोग के संयोग भी बमुश्किल ही होते हैं। इसलिए इस सियासती परिचय का अपना महत्व है और यह हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।