Surguja। वीरभद्र सिंह मौत मामले में परिजनों ने सीबीआई जाँच की माँग की है। वीरभद्र सिंह “सचिन बाबा” के पिता सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने द सूत्र से घटना और घटना की पृष्ठभूमि का ब्यौरा देते हुए चल रही पुलिस जाँच पर असंतोष ज़ाहिर किया है। धौरपुर पैलेस के प्रमुख सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने पुलिस की जाँच को घटना के परिप्रेक्ष्य में विस्तारित और व्यापक ना होने की बात कही है। उन्होंने वीरभद्र पर लगाए राजनैतिक आरोप का भी ज़िक्र किया और यह कहा कि, उस छोटे रोड रेज के मामले में पुलिस के एक आला अधिकारी की भूमिका पूर्वाग्रह से प्रेरित थी और वहीं अधिकारी इस समय बिलासपुर में पदस्थ है।
वीरभद्र की मौत संदिग्ध और सवालों में
वीरभद्र सिंह का शव बेलगहना गाँव में रेल्वे लाइन के पास बरामद हुआ था।वीरभद्र सिंह 11 अगस्त की रात दुर्ग अंबिकापुर ट्रेन से अंबिकापुर के लिए रवाना हुए थे।वीरभद्र सिंह के पिता सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने इस मौत को लेकर सवाल खड़े किए हैं। सोमेश्वर शरण सिंह ने द सूत्र से कहा
“संदिग्ध परिस्थितियों में घटना हुई है। हर दृष्टिकोंण से जाँच होनी चाहिए।रायपुर, बेलगहना अंबिकापुर तीनों जगहों पर जाँच करनी होगी। सचिन का मोबाईल स्वीच ऑफ था याने बैटरी ख़त्म नहीं हुई थी।दो दिन बाद वो मोबाईल आरपीएफ को मिला था। वो मोबाईल यदि सीट पर ही था तो अटेंडेंट ने बैग दिया मोबाईल क्यों नहीं दिया।सचिन ट्रेक से पंद्रह फ़ीट की दूरी पर मिले, पुलिस कहती है पाँच फ़ीट की दूरी पर थे।चलती ट्रेन या बस से कोई गिरेगा तो दूर नहीं गिरता है।9.55 पर मुझसे बात हुई थी,वे एकदम सामान्य थे। पीएम में चोट ही मृत्यु की वजह बताई गई है। ट्रेन में और कौन कौन थे कॉल डिटेल निकाले ही नहीं गए हैं।पुलिस की जाँच थाने तक सीमित रह जाती है, विस्तृत और व्यापक रूप से जाँच की जरुरत है, हमें सीबीआई जाँच चाहिए, हम उसी की माँग कर रहें हैं”
सोमेश्वर शरण सिंहदेव ने कहा
“जबकि वह कथित घटना हुई जिसमें वीरभद्र को दोषी बताया गया, तब यहाँ ( सरगुजा ) में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पूर्वाग्रह के साथ व्यवहार किया था, वहीं अधिकारी इस वक्त बिलासपुर में पदस्थ है, जाँच पुलिस सही करेगी, इस पर भरोसा कैसे करें।इस मामले में जाँच अधिकारी बदला गया, अब एक ऐसे अधिकारी को जाँच दी गई है, जो अंडर ट्रांसफ़र है।”
क्यों चर्चा में आए थे वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह 24 जुलाई 2021 को तब चर्चाओं में आ गए थे जबकि MLA बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया था कि, उन्होंने ( वीरभद्र ने ) जानलेवा हमला करने की कोशिश की।इसी घटना के संदर्भ में विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री टी एस सिंहदेव पर भी आरोप लगा दिया कि, वे उनकी हत्या कराना चाहते हैं।बाद में विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री सिंहदेव पर लगाए आरोप के लिए खेद व्यक्त किया था।जिस घटना को लेकर यह बवाल खड़ा हुआ वह रोड रेज की घटना थी, उसका एक पक्ष यह भी बताया जाता है कि तेज रफ़्तार से आ रही विधायक बृहस्पति सिंह की फॉलो गाड़ी के चालक को वीरभद्र सिंह ने स्पीड की वजह से फटकार लगाई थी। पर मामला प्रायोजित तरीक़े से तूल पकड़ गया। मंत्री सिंहदेव और वीरभद्र सिंह बेहद करीबी रिश्तेदार हैं, और एक बड़ा तबका यह मानता है कि यह घटना सामान्य सी थी पर इसे सियासती बवाल बनाने के पीछे यह पॉलिटिकल एप्रोच थी कि इस घटना को इतना तूल दिया जाए कि मंत्री सिंहदेव की छवि पर नकारात्मक असर पड़े। यह वही समय था जबकि ढाई साल वाले फ़ार्मूले को लेकर कांग्रेस के भीतरखाने माहौल गर्म था।इस मामले में वीरभद्र सिंह को उनके साथियों के साथ जेल जाना पड़ा था। प्रकरण कोर्ट में चल रहा था,वीरभद्र सिंह उस पेशी में आने के लिए ही रायपुर से रवाना हुए थे।
बीजेपी ने भी की है न्यायिक जाँच की माँग
बीजेपी ने पहले दिन से ही इस मामले को संदिग्ध मानते हुए, न्यायिक जाँच की माँग की है। बीजेपी के प्रमुख प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने इस मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था
“यह किसी एक परिवार का सीमित विषय नहीं है, यह छत्तीसगढ़ का विषय है.. यह मृत्यु असामान्य प्रकृति की है, घटना संदिग्ध है, इसकी हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जाँच होनी चाहिए।”
CM बघेल ने कहा था परिजन चाहेंगे तो जाँच में दिक़्क़त नहीं
जबकि यह घटना हुई और बीजेपी ने न्यायिक जाँच की माँग तब न्यायिक जाँच की माँग के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था
“मेरी टी एस सिंहदेव जी से बात हुई है, यदि परिजन जाँच चाहते हैं तो हमें कोई दिक़्क़त नहीं”