RAIPUR: जब PM राजीव गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे में याेजनाओं के प्रदर्शन पर पत्रकारों से कहा था- मैं जानता हूँ यह सब पेंट किया गया है

author-image
Yagyawalkya Mishra
एडिट
New Update
RAIPUR: जब PM राजीव गांधी ने छत्तीसगढ़ दौरे में याेजनाओं के प्रदर्शन पर पत्रकारों से कहा था- मैं जानता हूँ यह सब पेंट किया गया है

Raipur। छत्तीसगढ़ से राजीव गांधी का रिश्ता एक प्रधानमंत्री के रुप में ही नहीं रहा है। छत्तीसगढ़ में राजीव पायलट की भूमिका में भी आए, और प्रधानमंत्री के रुप में भी। वे प्रधानमंत्री के रुप में आज के छत्तीसगढ़ के कोरिया, धमतरी, गरियाबंद और कवर्धा ज़िलों में आ चुके थे। इन सभी ईलाकों में राजीव गांधी की स्मृतियाँ तो हैं, लेकिन अधिकांश जगहों पर यह स्मृतियाँ अब केवल मौखिक रुप में नई पीढ़ी के पास मौजूद हैं, क्योंकि जिस पीढ़ी ने राजीव गांधी को देखा था, उनमें से अधिकांश अब दुनिया से रवानगी ले चुके हैं।इसलिए राजीव गांधी की उपस्थिति हुई थी यह तो प्रमाणित रुप से उपलब्ध है,लेकिन जबकि वे आए,तब क्या क्या हुआ इसे लेकर सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार की किताब आजकल और छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की आत्मकथा “सपनों का सौदागर” में विश्वसनीय ज़िक्र राजीव गांधी को लेकर मिलता है।



1984 में कोरिया के कटगोड़ी और आनंदपुर पहुँचे थे राजीव




 कोरिया ज़िले के कटगोडी में राजीव गांधी और सोनिया गांधी के जुलाई 1984 में हैलीकाप्टर से आने का उल्लेख दर्ज है। दावा किया जाता है कि तब राहुल और प्रियंका भी साथ थे हालाँकि इस की पुष्टि नहीं होती।गाँव की नई पीढ़ी जो बताती है उसके अनुसार राजीव गांधी ने पंडों जनजाति के रामचरण साय और उनकी पत्नी कुंती साय से संवाद किया था। राजीव के उस दौरे की याद गाँव के पटेल मिल साय को है, पर क़रीब चालीस बरस पुरानी यादें गड्डमगड्ड हैं। मिल साय फ़ॉरेस्ट में फ़ायर वाचर हैं,उन्हें याद है कि, उन्होंने राजीव गांधी को सिद्धा फल की माला पहनाई थी। रामचरण साय के पोते के हवाले से यह दावा भी होता है कि, राजीव गांधी ने भनिया बाबा याने रामचरण साय को पीपल का पौधा भेंट किया था। गाँव में यह पौधा अब विशाल वृक्ष में तब्दील हो चुका है।



बतौर पायलट राजीव का रायपुर आना




बतौर पायलट राजीव गांधी जिस रुट पर नियमित चलते थे, वह रुट था दिल्ली भोपाल रायपुर। स्व. अजीत जोगी की आत्मकथा सपनों का सौदागर के पेज 121 और 122 में इसका ज़िक्र मिलता है। अजीत जोगी ने लिखा है कि, राजीव गांधी वे तब रायपुर के कलेक्टर थे,जिस फ़्लाइट को उड़ाते थे वह हॉपिंग फ़्लाइट दोपहर रायपुर पहुँचती थी और कुछ घंटों के विश्राम के बाद वापस दिल्ली के लिए उड़ान भरती थी।राजीव गांधी छोटा प्लेन एवरो लेकर उड़ान भरते थे। अजीत जोगी ने आत्मकथा में स्वीकारा है कि, उस दौर में अक्सर होने वाली मुलाक़ातों ने आने वाले समय में जबकि उन्होंने राजनीति में प्रवेश चाहा तो वे राजीव गांधी के लिए अपरिचित नहीं थे।



1985 में दुगली और कुल्हाड़ी घाट आए थे

 प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार की किताब आजकल में बतौर प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दुगली और कुल्हाड़ी घाट दौरे की रिपोर्ट मिलती है। इस दौरे को लेकर सुनील कुमार की रिपोर्ट में लिखा है

“वन विभाग के स्कूल में राजीव गए, बच्चों को टाफियां बाँटी, इनसे बात की। इन बच्चों को तीन दिन पहले ही वन विभाग की ओर से कपड़े मिले थे, कपड़ों पर नंबर लिखे थे, जिससे पता चला दर्ज़ी से एक ही साईज़ के कई कपड़े सिलवाए गए थे।राजीव गांधी को तिहारुराम के यहाँ लगाए गोबर गैस प्लांट को दिखाने भी ले ज़ाया गया, इसका गोबर अभी सड़ भी नहीं पाया था, गैस बननी शुरू नहीं हुई थी। अधिकारियों ने बताया था दो महीने पहले आवेदन दिया गया था,घर के भीतर पुरुष ने बताया उन्होंने कोई आवेदन नहीं दिया था।बच्चों का उद्यान भी राजीव गांधी को दिखाया गया जहां तीन चार दिन पहले ही झूले और फिसलनी लगाए गए थे।”




  सुनील कुमार की रिपोर्ट में दर्ज है




प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ग्राम दुगली की पौने दो घंटे की यात्रा के अंत में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंज़ूर किया कि वे इस बात पर सहमत हैं कि सारा नजारा उन्हें दिखाने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा -“मैं जानता हूँ यह सब ‘पेंट’ किया गया है, और यहाँ शायद कुछ ज़्यादा किया गया है। लेकिन मेरे यहाँ आने से इतना हो रहा है तो इन गाँवों का भला तो हो रहा है।”



1988 में भोरमदेव आए थे राजीव

 राजनांदगाँव लोकसभा के सांसद शिवेंद्र बहादुर सिंह के बुलावे पर राजीव गांधी भोरमदेव आए थे। उन्होंने वहाँ बैगा प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।



एक खबर यह भी

  राजीव गांधी को लेकर एक खबर यह भी प्रदेश में चर्चाओं में रहती है कि 21 मई 1991 में राजीव गांधी राजनांदगाँव आने वाले थे। लेकिन ऐन वक्त पर उनका प्लान बदला और वे दक्षिण भारत की यात्रा पर निकले और इसी दिन श्रीपेरंबदूर में उनकी हत्या हो गई। लेकिन इस खबर की पुष्टि नहीं होती है, पर दावा होता है कि यह खबर सही है।


baiga Rajiv Gandhi bhoramdev शिवेंद्र बहादुर सिंह बैगा आदिवासी सब पेंट है पत्रकारों से कहा दौरा प्रधानमंत्री Raipur News छत्तीसगढ़ पायलट राजीव गांधी all painted chhatisgarh told reporters