AMBIKAPUR. आज अंशकालीन सफाई कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के आवास का घेराव कर दिया। इस दौरान मंत्री सिंहदेव को वीडियो कॉल से बात करनी पड़ी और मंन्त्री टीएस सिंहदेव ने आश्वासन के बजाय गेंद को मुख्यमंत्री के पाले में डाल दिया। ये सबकुछ सरगुज़ा में हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मंच पर आकर घोषणा की थी
अंशकालीन सफाई कर्मियों का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में चुनाव के दौरान कांग्रेस की घोषणा पत्र बनाने वाले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने मंच पर आकर घोषणा की थी कि सरकार बनने के 10 दिन बाद ही उनकी मांग पूरी हो जाएगी जो अब तक नहीं हुई। यही कारण है कि सैकड़ों की संख्या में अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने मंत्री सिंहदेव के आवास का घेराव कर दिया।
स्वास्थ्यकर्मियों की एक सूत्रीय पूर्णकालिक करने की मांग है
सरगुजा संभाग के अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों द्वारा भाजपा की सरकार से लेकर मौजूदा सरकार तक आंदोलन करते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि इनकी एक सूत्रीय पूर्णकालिक करने की मांग है। अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि मौजूदा सरकार ने पूर्णकालीन करने के लिए अपनी घोषणा पत्र में कहा था, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी इनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा सका है। जिसको लेकर आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव बंगले का घेराव किया गया।
वीडियो कॉलिंग से अंशकालीन स्कूल कर्मचारियों से बात कर आश्वासन दिया
वहीं कई घंटों तक अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारियों ने बंगले के सामने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को पूरा करने की बात कहते रहे। इस बीच जब अधिकारियों ने मांग पत्र सौंपकर आंदोलन समाप्त करने की बात सफाई कर्मियों से की तो उन्होंने तब तक आंदोलन खत्म नहीं करने की बात कही जब तक स्वास्थ मंत्री से उनकी बात नहीं हो जाती। तब मौजूद स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से स्वास्थ्य मंत्री की बात कराने की बात कही तो इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य टीएस सिंहदेव ने वीडियो कॉलिंग के जरिए अंशकालीन स्कूल कर्मचारियों से बात कर आश्वासन दिया। मंत्री सिंहदेव ने कहा कि मेरे तरफ से एक महीने पूर्व आपकी मांग पत्र भेजा जा चुका है। बाकी मुख्यमंत्री को करना है कहकर अपना पल्ला झाड़ते हुए नजर आए।
अब देखना होगा कि आगामी समय में छत्तीसगढ़ सरकार की बजट पेश होने वाली है, क्या कुछ इन अंशकालीन स्कूल कर्मचारियों के लिए रहता है या फिर इन्हें अपनी मांग मनवाने और आंदोलन करना पड़ता है।