याज्ञवल्क्य मिश्रा, BILASPUR. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव (निलंबित) सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर आखिरकार आज बहस पूरी हो गई। हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर भी सुनवाई हुई और हाईकोर्ट ने उस पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया है।
तीन जस्टिस ने सुनवाई से खुद को अलग किया
कोयला घोटाला और अवैध उगाही मामले में आरोपी सौम्या चौरसिया को बीते दो दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई थी, जहां एक के बाद एक तीन जस्टिस ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस पी सैमकोशी ने इस जमानत याचिका की सुनवाई की। करीब दस दिन से भी ऊपर चली इस सुनवाई में आज बहस पूरी हो गई है।
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ईडी ने बचाव पक्ष को सीलबंद लिफाफे का मजमून दिया
ईडी ने बहस के दौरान हाईकोर्ट को सीलबंद लिफाफा सौंपा था।पिछली पेशी में बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पेश किया जिसके अनुसार न्यायालय अपने निर्णय में किसी सीलबंद लिफाफा के तत्व शामिल नहीं कर सकता। आज ईडी ने सीलबंद लिफाफा के मजमून को बचाव पक्ष को सौंप दिया। इस सीलबंद लिफाफे में निखिल चंद्राकर पीएमएलए धारा पचास के अंतर्गत रिकॉर्डेड स्टेटमेंट था।इसे ही बचाव पक्ष को उपलब्ध कराया गया है। ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने हाईकोर्ट से कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिविल मामलों पर प्रभावी होता है, क्रिमिनल प्रकरणों पर नहीं होता है।
ईडी के खिलाफ 4 याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित
ईडी के खिलाफ चार याचिकाओं पर सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डबल बेंच ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इस पर करीब ढाई घंटे सुनवाई की है। ईडी के विरुद्ध इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।