बेमेतरा के पोल्ट्रीफार्म और ग्रामीणों के बीच विवाद गहराया, विधायक बंजारे ने कहा -चर्चा के नाम से बुलाए थे, तोड़फोड़ खुद किए हैं

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Neha Thakur
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बेमेतरा के पोल्ट्रीफार्म और ग्रामीणों के बीच विवाद गहराया, विधायक बंजारे ने कहा -चर्चा के नाम से बुलाए थे, तोड़फोड़ खुद किए हैं

याज्ञवल्क्य मिश्रा, BEMETARA. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में मुलमुला में मौजूद वेंकटराम पोल्ट्री और ग्रामीणों के बीच विवाद फिर उभरा है। इस बार मामला गंभीर शिकायतों के साथ थाने जा पहुंचा है। वेंकटराम पोल्ट्री एक बड़ा उद्योग है जिसकी इकाई मुलमुला में लगी है। ग्रामीणों और पोल्ट्री के बीच जल स्त्रोत दूषित होने समेत कई मसले हैं जिन्हें लेकर टकराव की खबरें आती रही हैं। इस बार मामला ज्यादा तूल पकड़ गया है। स्थानीय सूत्र इसके पीछे स्थानीय राजनैतिक समीकरणों की ओर इशारा करते हैं। पोल्ट्री उद्योग की इकाई द्वारा की गई शिकायत में स्थानीय विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे का उल्लेख करते हुए आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज नहीं किया है, और प्रकरण की जांच करने की जानकारी दी है।



क्या है आरोप



प्रबंधन की ओर से पुलिस को दो लिखित शिकायतें दी गई हैं। जिसमें पहली शिकायत में फर्म में काम कर रही महिलाओं की ओर से दी गई है, जबकि दूसरी शिकायत खुद प्रबंधन की ओर से दी गई है। जिसमें उल्लेख है कि 11 अप्रैल मंगलवार को विधायक की उपस्थिति में लोग लाठी डंडे से लैस होकर घुसे और महिला पुरुष कर्मचारियों के साथ-साथ जीएम से मारपीट की गई।



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पोल्ट्रीफार्म की तोड़ी पाइप लाइन



पोल्ट्रीफार्म में दस लाख मुर्ग़ियां थीं, जिनका पानी सप्लाई का पाइप तोड़ दिया, जिससे हजारों मुर्गियां मर गईं। रोटेम कम्युनिकेटर जिससे पूरे मशीनों को ऑपरेट किया जाता है, उसे नष्ट कर दिया गया। सभी शेड में घुसकर अंडों को तोड़ दिया गया है। टैंकर में मौजूद चार हजार लीटर डीजल को बहाकर आगजनी की कोशिश की गई। कंपनी को दस से बारह करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि संस्थान में काम कर रही महिलाओं की ओर से दी गई शिकायत में उनसे छेड़खानी और गाली गलौज के गंभीर आरोप लिखे गए हैं।



क्या विधायक/संसदीय सचिव का नाम आने से पुलिस है दबाव में?



शिकायत में स्थानीय विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे का जिक्र है। शिकायत में लिखा है कि जब सारी घटना घट रही थी तो विधायक मौजूद थे। विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे संसदीय सचिव भी हैं। इस मामले में आरोपी के तौर पर विधायक का नाम लिखित में दिए जाने से हड़कंप है। संकेत हैं कि यह भी एक कारण है कि, पुलिस सीधे FIR करने से बच रही है।



ग्रामीणों से विवाद पुराना है



ग्रामीणों और फार्म हाउस उद्योग के बीच विवाद या कि झड़प पहली नहीं है। यह जरुर है कि इस बार आरोप गंभीर हैं और मामला थाना जा पहुंचा है। ग्रामीणों की जो शिकायतें हैं वह फॉर्म हाउस उद्योग की वहां स्थापना को लेकर ही सवाल करती हैं। ग्रामीणों की दलील है कि जल स्त्रोत दूषित होता है, गंदगी और बदबू से पूरा इलाका हलाकान है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इधर प्रबंधन का दावा है कि, जो भी है वह नियमानुसार है। जल स्त्रोत को दूषित या प्रभावित नहीं किया जा रहा है।



ग्रामीणों ने नहीं की पोल्ट्रीफार्म में तोड़फोड़



विधायक गुरुदयाल सिंह बंजारे का इस मसले पर पक्ष बिलकुल जुदा है। उनकी दलील है कि, बदबू गंदगी समेत विवाद के मसलों पर चर्चा के लिए उद्योग प्रबंधन ने ग्रामीणों को बुलाया था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि, उद्योग नियम शर्त पूरा नहीं करता और प्रशासन को इसके जांच के लिए आग्रह किया गया है। तोड़फोड़ के मसले को भी विधायक ने खारिज किया है। विधायक और संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे ने कहा 'यह बिलकुल सही है कि, मैं वहां गया था। ग्रामीणों को प्रबंधन ने यह कह कर बुलाया था कि, मालिक आ रहे हैं आमने सामने चर्चा कीजिए। मुझे भी प्रबंधन ने बुलाया तो मैं भी गया। पर बाद में आरोप लगा दिए। मैं जब तक था तब तक तो तोड़फोड़ हुई नहीं। मेरे पास अभिलेख हैं जिसके आधार पर मैंने प्रशासन से जांच का आग्रह किया है, यह उद्योग नियमों के विपरीत है और अवैध है। प्रबंधन इस से बचने के लिए आरोप लगा रहा है। तोड़फोड़ खुद ही कर लिए होंगे इंश्योरेंस के फेर में। मैं ग्रामीणों के साथ हूं और उनकी समस्या वाजिब है।


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