BILASPUR. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट में पेंड्रा के अरपा नदी के उदगम स्थल के साथ पूरी नदी के संरक्षण करने के लिये दायर की गई जनहित याचिका में सुनवाई हुई। इसमें शासन की ओर से एक रिपोर्ट पेश कर बताया गया कि उदगम स्थल के संरक्षण के लिये 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित करनी होगी, जहां एक जल कुंड का निर्माण होगा। इसको सुनने के बाद कोर्ट ने योजना को विस्तार से रिपोर्ट और प्लानिंग प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि इसको कब तक पूरा कर लेंगे।
नदी को संवारने और संरक्षण के लिए लगाई थी याचिका
अधिवक्ता अरविंद शुक्ला ने अरपा उदगम से संगम तक नदी को संवारने और संरक्षण करने के लिये जनहित याचिका दायर की है। इस पर हाईकोर्ट ने कई निर्देश दिये थे जिसके पालन में सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई की है। हाईकोर्ट में सरकार के जवाब में अरपा उदगम के संरक्षण के लिये 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने के साथ ही उदगम स्थल पर कुंड और स्टॉप डेम का निर्माण कराने की बात कही है। इससे अरपा के उदगम को लेकर भ्रम की स्थिति लगभग समाप्त हो गई है, क्योंकि अरपा के उदगम को लेकर अलग-अलग दावे किये जाते रहे हैं।
ये खबर भी पढ़ें
करोड़ों की लागत से होंगे विकास कार्य
वहीं कोर्ट को यह भी बताया गया कि उदगम पर कुंड और स्टॉपडेम के अलावा 2 करोड़ की लागत से ललाती और बरपारा के बीच रपटा और स्टॉपडेम, जोगीसार में 3 करोड़ की लागत से एनीकट, खोडरी में 2 करोड़ 87 लाख की लागत वाले दो अलग-अलग एनीकट के साथ ही सधवानी में साढ़े चार करोड़ की लागत से जलाशय का प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अलावा जलसंसाधन और वनविभाग की ओर से नरवा बनाने के अलावा अरपा रिवाईवल के लिये 12 योजनांए बनायी है। इसमें 4 योजनाएं निर्माणाधीन है और 6 प्रस्तावित हैं।