याज्ञवलक्य मिश्रा, RAIPUR. कोयला घोटाला मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले ने ईडी की कार्रवाई को प्रभावित कर दिया है। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के हवाले से ये तर्क दिया कि जबकि मूल प्रकरण पर कोर्ट ने कार्रवाई करने से हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। ईडी भी अपनी कार्रवाई नहीं कर सकती। इस तर्क के आधार पर बचाव पक्ष के वकीलों ने ईडी की कार्रवाई रोके जाने की मांग कोर्ट से की। ईडी ने सूर्यकांत तिवारी की 2 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने बचाव पक्ष के तर्कों से सहमति जताते हुए उन्हें ईडी को रिमांड नहीं दिया है। ईडी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के मसले पर कल अपना जवाब देने के लिए समय मांगा है जो कोर्ट ने उसे दे दिया है।
कर्नाटक कोर्ट का मामला क्या है ?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूटागोड़ी पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR में कार्रवाई करने से कर्नाटक पुलिस को रोका है। यह वही FIR है जिसके आधार पर ईडी ने PMLA के तहत मामला दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की। कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक से ना केवल कर्नाटक पुलिस बल्कि ईडी की कार्रवाई आगे बढ़ने में संशय गहरा गया है।
कल क्या होगा ?
बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने ईडी की कार्रवाई पर कानूनी सवाल उठाए हैं। ईडी कल इस मसले पर अपना लिखित जवाब पेश करेगी। कल ही सूर्यकांत तिवारी समेत न्यायिक हिरासत में मौजूद चारों को अदालत में लाया जाएगा। यदि ईडी अपने जवाब से अदालत को संतुष्ट कर लेती है तो सूर्यकांत तिवारी की रिमांड ईडी को मिलेगी। लेकिन यदि ऐसा नहीं हो पाया तो बचाव पक्ष को एक अहम सफलता मिल सकती है। यदि उनकी मांग के अनुरूप ईडी की कार्रवाई पर अदालत रोक लगा दे। विधि वेदताओं का मानना है कि यदि कोर्ट के आदेश पर कोई कार्रवाई रुक जाए तो जमानत लेने की अनिवार्यता नहीं होती है। यह न्यायालय के विवेक पर है कि वो अभियुक्तों को जमानत पर छोड़ती है या घर पर ही निरुद्ध रखने का आदेश देती है।