Raipur. छत्तीसगढ़ में आज बीजेपी ने विधानसभा घेराव तो किया है लेकिन प्रदर्शन के पहले की सभा में जिसमें कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम किया जाता है उसमें कांग्रेस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का नाम बहुत बार लिया गया है। दरअसल छत्तीसगढ़ बीजेपी ने आज पीएम आवास को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के घेरा है। इस पूरे घेराव प्रदर्शन में बीजेपी के लगभग हर दिग्गज नेता का बयान मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के इर्द गिर्द ही घूमता रहा। फिर चाहे वो रामविचार नेताम हो, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल हो या फिर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव हो सभी के भाषण में टीएस सिंहदेव और उनका दिया हुआ इस्तीफा काफी चर्चित विषय रहा है।
क्या-क्या कहा बीजेपी नेताओं ने?
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि अपनी ही सरकार की सर्वे सूची पर भूपेश बघेल को भरोसा नहीं है, अपने ही मंत्री के बातों को भी नहीं मान रहे हैं। जिसे उनके ही मंत्री ने पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के 8 लाख लोगों को आवास नहीं मिल पाया है। जिसके कारण मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया। वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ का आवास देने के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने चिट्ठी लिख कर भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार को इस विषय से अवगत कराया था लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही प्रधानमंत्री आवास के लिए गरीब हितग्राहियों को राज्यांश दिया जिसके कारण उनके कैबिनेट के मंत्री ने अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया।
क्यों बीजेपी ने मंच से बार- बार लिया टीएस सिंहदेव?
विधानसभा घेराव के पहले सभा के मंच से बीजेपी नेताओं ने बार-बार टीएस सिंहदेव का नाम लिया है। दरअसल इसके पीछे टीएस सिंहदेव के इस्तीफे मामला है। जिसमें पिछले साल 16 जुलाई को पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के पद छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद 21 जुलाई 2022 को इस्तीफा मंजूर भी कर लिया गया था। हालांकि इसके बाद भी टीएस सिंहदेव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन, वाणिज्यिक कर विभाग के मंत्री बने रहे। इस्तीफा मंजूरी के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विभाग का पद मंत्री रविंद्र चौबे के हिस्से में चला गया।
क्यों दिया टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा?
मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग से अलग होने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को भेजे गए इस्तीफे में लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के लोगों को आवास उपलब्ध कराया जाना था, जिसके लिए कई बार चर्चा की और धनराशि आवंटन के लिए अनुरोध किया। लेकिन योजना के कार्यान्वयन के लिए राशि उपलब्ध नहीं कराई जा सकी इस प्रकार राज्य के 8 लाख लोगों को कल्याण से वंचित करना ठीक नहीं है। इससे राज्य की लगभग 10 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था उत्पन्न होती। उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी घर का निर्माण नहीं हो सका है। बेघर लोगों के लिए और योजना की प्रगति स्थिर रही । सिंहदेव ने लिखा है कि मंत्री की स्वीकृति के बाद मुख्य सचिव की समिति द्वारा अंतिम निर्णय लेने के लिए एक प्रक्रिया की गई, जो प्रोटोकॉल के विपरीत है.ने समय-समय पर लिखित में आपत्ति दर्ज की है, लेकिन इस प्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके परिणामस्वरूप 500 करोड़ से अधिक का विकास कार्यों नहीं हो सकावर्तमान में पंचायतों में कई विकास कार्य प्रारंभ नहीं हुए हैं।