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Raipur. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ईडी की कार्रवाई को लेकर लगातार विरोध कर रही है। अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने ईडी की कार्रवाई को अवैधानिक बताया है। शुक्ला ने इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और बिलासपुर उच्च न्यायालय चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर शिकायक की है। इसके साथ ही सुशील आनंद शुक्ला ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पत्र लिखा है। कांग्रेस ने पत्र के जरिए भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इशारे पर छत्तीसगढ़ में ईडी लगातार छापे डाल रही है। ईडी अपनी कार्रवाई का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं कर रही। सुशील आनंद शुक्ला ने पत्र में कांग्रेस नेताओं को परेशान करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने पत्र में क्या लिखा?
कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दिनांक 24 फरवरी से कांग्रेस का महाधिवेशन होना था। महाधिवेशन के सफल आयोजन को रोकने के उद्देश्य से महाधिवेशन के मात्र 4 दिन पहले कार्यक्रम के कांग्रेस के 6 प्रमुख आयोजकों के घरों में ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की। आश्चर्य की बात है कि ईडी अधिकारियों द्वारा कांग्रेस पदाधिकारियों को न तो छापे के औचित्य के बारे में जानकारी दी गयी और न प्रकरण क्रमांक की जानकारी दी। छापों में कुछ भी रिकवरी न होने के कारण ईडी अधिकारियों की शर्मिंदगी का आलम यह है कि छापेमारी की कार्रवाई से जब्त चल अचल संपत्तियों का ब्यौरा आज तक सार्वजनिक नहीं किया जा सका है।
ईडी ने किसी तरह की जानकारी नहीं दी - कांग्रेस
ईडी के खिलाफ रायपुर के महापौर एजाज ढेबर सभी प्रदर्शनों में सक्रिय थे, राजनीतिक द्वेष वश दिनांक 29 मार्च 2023 को उनके और उनके परिजनों के विभिन्न आवासीय परिसरों में ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की। महापौर की 85 साल की माता जी को नमाज पढ़ने तक की अनुमति नहीं दी गई और उनके घर में उपलब्ध लगभग 8 लाख रूपए की राशि, जिसका पूरा हिसाब दिया गया था, जब्त कर ले गई। इन छापों के संबंध में भी न तो सर्च के औचित्य के संबंध में कोई जानकारी दी गई और न ही 'scheduled offence' के बारे में जानकारी कोई विवरण दिया गया। राज्य में विगत 3-4 दिनों से ईडी अधिकारियों ने लगभग 40 स्थानों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इन छापों में भी रिकवरी की कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही यह जानकारी सार्वजनिक की गई है कि किस अपराध की विवेचना के अंतर्गत यह कार्रवाई की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी छापों में मिलाकर कुल रिकवरी नाम मात्र की ही है।