याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. भ्रष्टाचार के मामले में फंसे IAS अफसर और चिप्स (छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी) के पूर्व CEO समीर विश्नोई को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम कोर्ट पहुंची। समीर विश्नोई सहित दो कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को भी ED ने सात दिन की रिमांड पर लियाा था। रिमांड की अवधि आज यानी 21 अक्टूबर को पूरी हो रही थी। रायपुर में दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने समीर की 6 दिन की रिमांड बढ़ाने का आदेश दे दिया।
कोर्ट ने नई शर्त और निर्देश के साथ दी रिमांड
आईएएस समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को 27 अक्टूबर तक ED अपनी कस्टडी में रखेगी और पूछताछ करेगी। 27 अक्टूबर की दोपहर 2 बजे दोबारा तीनों को पेश किया जाएगा। अदालत से परिजनों को मिलने दिए जाने की मांग की गई थी। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया है। अब तीनों के परिजन शाम को 45 मिनट तक मुलाकात कर पाएंगे। इस दौरान कोर्ट ने ईडी से कहा- 'आपकी कार्रवाई आपके लिए गोपनीय है, पब्लिक के लिए गोपनीय है, लेकिन यह कोर्ट को पता होना चाहिए कि आप क्या कर रहे हैं। हमें आप जानकारी देंगे।'
ईडी ने समीर विश्नोई पर किया ये दावा
अपको बता दें कि ईडी के रिमांड के आवेदन में ये दावा किया गया है कि समीर विश्नोई ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग परमिट प्राप्त करने की पुरानी प्रक्रिया ऑनलाइन को बदलकर मैन्युअल किया है। इसके बाद 9 मार्च 2022 को रोशन कुमार सिंह के माध्यम से विश्नोई के नाम पर 50 लाख रुपए जमा किए गए थे। ईडी ने कहा है कि यह स्पष्ट है कि विश्नोई भी कोयले की अवैध उगाही के लिए रची गई साजिश का हिस्सा हैं।