Raipur. छत्तीसगढ़ में एक और केंद्रीय एजेंसी की मौजूदगी हो गई है। यह केंद्रीय एजेंसी केंद्रीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने गठित की है। यह केंद्रीय एजेंसी उस चावल घोटाले की जाँच करेगी जिसकी शिकायत पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने की है। डॉ रमन सिंह प्रदेश में 6 हजार करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से जाँच करने का आग्रह किया था।
यह है टीम
डॉ रमन सिंह की शिकायत पर केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय ने 5 सदस्यीय टीम गठित की है। इस टीम में एक सदस्य NIC का भी है। इस गठित टीम में एस आर मीना (DS,PD),राजेश कुमार पंडीर (US PD॥),अंकित त्यागी और राहुल हैं साथ ही NIC हैदराबाद से सुश्री अन्नपूर्णा को भी शामिल किया गया है। सुश्री अन्नपूर्णा NIC,IT हैदराबाद में टैक्निकल डायरेक्टर हैं।
तीन दिन छत्तीसगढ़ में
मिली जानकारी के अनुसार यह टीम 10 मई,11 मई और 12 मई को छत्तीसगढ़ में रहेगी। 12 मई की शाम यह टीम लौटेगी। संकेत हैं कि यह टीम उन आरोपों की प्रारंभिक जाँच करेगी और उस आधार पर आगे रिपोर्ट केंद्र सरकार को देगी।
क्या है चावल घोटाला
विधानसभा के बजट सत्र में डॉ रमन सिंह ने चावल घोटाले का मसला उठाया था। डॉ रमन सिंह ने तब यह आरोप लगाया था कि, केंद्रीय पुल के चावल वितरण में जमकर घोटाला हुआ है। यह घोटाला क़रीब पाँच से छ हजार करोड़ का है। तब ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस चावल घोटाले की शिकायत केंद्र सरकार से करने की बात कही थी। तब द सूत्र से विशेष चर्चा में डॉ रमन सिंह ने कहा था जिस पीडीएफ़ योजना के लिए छत्तीसगढ़ सम्मानित होता था, पहचाना जाता था. वह अब उसी योजना में सबसे बड़े घोटाले के रुप में जाना जाएगा।
क्या कहा था भूपेश सरकार ने
सदन में जबकि डॉ रमन सिंह ने इस मसले को उठाया तो भूपेश सरकार ने इस आरोप को ख़ारिज कर दिया। भूपेश सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने सदन में कहा कि, घोटाला गड़बड़ी इतनी व्यापक नहीं है। यह स्टॉक के सही पंजीयन नहीं किए जाने का मसला है। यह उन राशन दुकान संचालकों का दोष है जो बीजेपी सरकार के समय ही नियुक्त हुए। मंत्री अमरजीत भगत ने दावा किया था कि, मामले की पहले से जाँच हो रही है और बजट सत्र के अंतिम दिन जाँच रिपोर्ट सदन में रख दी जाएगी।लेकिन सदन का सत्र नियत समय से पहले ही समाप्त हो गया। फिर इस जाँच रिपोर्ट को लेकर द सूत्र संवाददाता शिवम दुबे ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से सवाल किया था। मंत्री भगत के द्वारा जाँच रिपोर्ट को सदन में पेश करने की तारीख़ के ऐलान को क़रीब एक महीना बीत गया था। लेकिन मंत्री अमरजीत भगत तब भी कोई निश्चित तारीख़ तब भी नहीं बता पाए थे, पर उन्होंने कहा था कि जाँच जारी है।