याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. शून्यकाल शुरु होते ही विधानसभा में बीजेपी ने पीडीएस में क़रीब 600 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाते हुए सदन में स्थगन पेश कर दिया। विपक्ष की ओर से यह विषय सबसे पहले डॉ रमन सिंह ने उठाया, जिसके बाद इसी विषय पर बृजमोहन अग्रवाल, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर, सौरभ सिंह, रजनीश सिंह और रंजना साहू ने भी गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष ने चावल चना गूड़ नमक सभी में बड़े पैमाने पर गोलमाल का आरोप लगाया।आसंदी ने मंत्री अमरजीत भगत के जवाब जिसमें कि उन्होंने कहा कि, दोषियों पर कार्यवाही होगी का उल्लेख करते हुए स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। इस मसले पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया, शोरगुल नारेबाज़ी की वजह से सदन की कार्यवाही पाँच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
600 करोड़ का घोटाला कैसे ! क्या है आरोप
बीजेपी शासनकाल में 2016 में पीडीएस सिस्टम बनाया गया था। इस सिस्टम में माड्यूल था जिससे फ़ूड इंस्पेक्टर हर राशन दुकान के बचे और वितरित स्टॉक की जानकारी देते थे। इससे कोई भी खाद्य विभाग के जनभागीदारी पोर्टल में हर राशन दुकान में बचे खाद्यान्न की मात्रा देख सकता था।बीजेपी का आरोप है कि,दिसंबर 2021 के बाद इसमें एंट्री बंद हो गई।जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक हर राशन दुकान को पूरा कोटा दिया गया लेकिन बचत स्टॉक नहीं हटाया गया।
डॉ रमन सिंह ने कहा -
“चावल, चना शक्कर गुड़ नमक के आबंटन में तीन हजार राशन दुकानों में बचे चावल के स्टॉक 68 हजार 930 मीट्रिक टन का हिसाब नहीं है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा
“3359 मिट्रिक टन शक्कर,5063 मिट्रिक टन नमक और 3210 मिट्रिक टन चना और 506 मिट्रिक टन गुड़ का हिसाब भी ग़ायब है।ये सुनियोजित कालाबाजारी है।”
बीजेपी ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम के के संचालन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि,छत्तीसगढ़ बड़े बीस राज्यों की सूची में 19 वें नंबर है।