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RAIPUR. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में भगवा मुद्दे पर सियासत छिड़ गई है। दरअसल, हरियाणा के मंत्री के राक्षस वाले बयान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निशाना साधा है। सीएम ने कहा कि मैंने अपने बयान में जो सवाल किया, उसका जवाब उन्होंने दिया नहीं और अब सर्टिफिकेट बांट दिया। इसके पास सर्टिफिकेट की फैक्ट्री है जो ये लोग बांटते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ बोलो तो धर्मद्रोही, केंद्र सरकार के खिलाफ बोलो तो देशद्रोही और इनके खिलाफ बोलो तो अब राक्षस बोलते हैं। दरअसल, बिलाईगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री रायपुर पुलिस लाइन हेलीपैड पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
भारतीय संस्कृति में त्याग का सर्वोच्च स्थान है
इस दौरान हरियाणा के मंत्री अनिल विज के बयान के सवाल पर सीएम बघेल बोले- भगवा रंग त्याग रंग है। यदि बजरंग दल के लोगों ने भगवा रंग धारण किया है तो त्याग क्या किया है। भगवा रंग त्याग का प्रतीक है। यदि मैं गलत बोल रहा हूं तो बताएं। इसलिए भगवा रंग भी हमारे तिरंगे में भी सबसे ऊपर है। भारतीय संस्कृति में त्याग का सर्वोच्च स्थान है। जिन्होंने समाज और देश के लिए सर्वोच्च त्याग किया है, उसका सबसे ज्यादा सम्मान होता है। अब ये बताएं कि क्या त्याग किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कपड़े तो कोई भी पहनता है। आप काला पहनकर आए हैं तो इसका मतलब थोड़े है कि आप मेरा विरोध करने आए हैं। यह रंग है, लोग हर रंग के कपड़े रोज बदलते हैं। पहनने में और धारण करने में यानी अंगिकार करने में अंतर है।
ऐसे छिड़ा विवाद
फिल्म पठान के एक गीत में भगवा रंग के कपड़ों से छिड़े विवाद पर मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवा रंग जो है वह यज्ञ की अग्नि की ज्वाला का रंग है। वह पवित्र है। वह त्याग और बलिदान का रंग है। विश्व हिंदू परिषद-विहिप और बजरंग दल वाले जो भगवा पहनकर घूम रहे हैं, उन्होंने कौन सा त्याग किया है। सीएम ने कहा कि रंग किसी का होता है क्या। ये लोग केवल इसके नाम पर समाज में वैमनस्य फैला रहे हैं। इसके बाद कल हरियाणा के मंत्री अनिल विज का एक बयान अाया। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की सनातन संस्कृति का अध्ययन करें तो हर युग में देवता भी रहे हैं और राक्षस भी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री आज के राक्षस प्रवृत्ति के महानुभाव हैं। कांग्रेस ने इसे छत्तीसगढियों का अपमान बताया है।