RAIPUR. छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। अब जल्द ही उनके साथ उन्हीं इलाकों के 400 आदिवासी युवा भी नक्सलियों के खात्मे के लिए उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे। दरअसल, उनके लिए नया बटालियन बनेगा जिसका नाम बस्तरिया बटालियन रखा गया है।
अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों की तैनाती बस्तर के जिलों में की हैं
बता दें कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए सीआरपीएफ समेत कई अर्धसैनिक बलों की अलग-अलग टुकड़ियों की तैनाती बस्तर के अलग-अलग जिलों में की गई है। इसमें बीजापुर, जगदलपुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के कई अंदरूनी इलाकों में ये मोर्चा संभाले हुए हैं।
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ये टुकड़ियां सीआरपीएफ के साथ मिलकर काम करेंगीं
इनके संपर्क में कई स्थानीय आदिवासी युवा आते हैं। वे न सिर्फ क्षेत्र से वाकिफ होते हैं, बल्कि जंगल की समझ भी रखते हैं। ये सीआरपीएफ के साथ मिलकर काम करें तो निश्चित ही सफलता की संभावना बढ़ जाएगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इसकी योजना पहले ही बना ली गई थी, लेकिन अब जाकर इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
सात साल पहले घोषणा, अब शुरू हुई प्रक्रिया
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इसकी योजना वर्ष 2016 में बनाई गई थी और इसके लिए घोषणा भी की गई थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वहीं अब जब प्रक्रिया शुरू की गई है तो इन्हीं जिलों के नक्सल प्रभावित इलाकों के 400 युवाओं का चयन भी कर लिया गया है।
दी गई है छूट
सीआरपीएफ ने विशेष भर्ती अभियान के तहत इन 400 आदिवासी युवाओं का चयन किया है। खास ये कि चयन के दौरान शारीरिक मापदंड के मामले में उन्हें कई तरह की छूट भी दी गई है। साथ ही सभी चयनित 400 आदिवासी युवकों के नियुक्ति प्रस्ताव जारी कर दिए गए हैं। अब इस बस्तरिया बटालियन की टुकड़ियों को नक्सल मोर्चे पर तैनात किया जाएगा और मिलकर वे नक्सलियों के खात्मे में योगदान देंगे।