/sootr/media/post_banners/7e46f7fd1156117dfb4bc155d77c61eb17b5d5ffe95dc51f26a57a563cad03a6.jpeg)
BILASPUR. आपने अब तक ठगी के कई तरीके सुने होंगे। खासकर ऑनलाइन फ्रॉड में लोगों से पिन पूछकर उनके खातों से रुपए उड़ाना आम बात हो चुकी है। जैसे-जैसे पुलिस ठगों के गिरेबां तक पहुंचती है। वैसे-वैसे ठग अपनी चालबाजी का तरीका बदल देते हैं। ऐसा ही एक मामला धमतरी जिले में सामने आया है। इस दौरान धमतरी में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के नाम से सरपंच और सचिव को ठगों ने अपना निशाना बनाया है। फोन पर सरपंच और सचिव को कार्रवाई का खौफ दिखाकर ठगी की। वहीं ठगे जाने के बाद अब सरपंच-सचिव ने इसकी शिकायत पंचायत विभाग में की है।
पंचायत के कामकाज में गड़बड़ी की बात कहकर की ठगी
जानकारी के अनुसार, कुरुद जनपद में आने वाले अटंग पंचायत के सरपंच और सचिव को ठगों ने अपने जाल में फंसाकर 20 हजार रुपये अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। हाल ही में धमतरी में नए कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने पदभार संभाला है। ठगों ने कुरुद जनपद में आने वाले अटंग पंचायत के सचिव मन्नू लाल और सरपंच रोशन लाल को फोन लगाकर खुद को कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी बताया। पंचायत के फाइल और कामकाज में गड़बड़ी की बात की। फिर जनता से मिली शिकायत का हवाला देकर कार्रवाई करने की बात कही। ठग ने कार्रवाई रोकने के नाम पर फोरन रकम की मांग की। डरे सहमे सचिव और सरपंच ने तुरंत ही बताए गए अकाउंट नंबर पर 20 हजार रुपए डाल दिए। इसके बाद में जब दोनों को ठगे जाने का पता चला तब पूरे मामले की जानकारी पंचायत विभाग को दी।
ये खबर भी पढ़ें...
बिलासपुर में 5 दिन पहले जिंदा जलाई गई महिला की पहचान हुई, इलाज के दौरान हुई थी मौत
भिलाई में पीएम आवास दिलाने के नाम से ठगी
दूसरी ओर, भिलाई में पीएम आवास दिलाने के नाम पर गरीबों से ठगी का मामला सामने आया है। कुछ लोग नगर निगम का फर्जी सील और साइन तैयार कर ठगी कर रहे हैं। 3 लोगों से 60-60 हजार रुपये की ठगी की गई है। बीजेपी पार्षदों दल ने इसका पर्दाफाश किया है। बीजेपी पार्षद दल ने आम्रपाली में बने पीएम आवास में रह रहे लोगों की सत्यता जांचने की मांग की है। बीजेपी पार्षद दल के नेता भोजराज सिन्हा, पार्षद पीयूष मिश्रा ने कहा कि नगर पालिक निगम में कुछ लोग पीएम आवास दिलाने के नाम पर गरीब लोगों से ठगी कर रहे हैं। इनका बकायदा स्टिंग किया गया है। ये लोग नगर निगम की फर्जी सील, साइन और नोटशीट तैयार कर लोगों को दे रहे हैं। इसके एवज में वो गरीबों से 60-60 हजार रुपये ले रहे हैं। लोगों के दिए गए दस्तावेज को निगम ने फर्जी करार दिया है।