Raipur. शराब मामले में लगातार कार्यवाही कर रही ईडी ने अनवर ढेबर की दूबारा रिमांड लेने के लिए जो पत्र अदालत को सौंपा है, उस पत्र में यह कारण तो बताए गए हैं कि आख़िर ईडी को अनवर ढेबर से क्या जानकारी चाहिए उसके साथ साथ पहली बार ईडी ने रिमांड नोट में सीएम भूपेश का ज़िक्र किया है। रिमांड नोट में IAS अनिल टूटेजा को सिंडिकेट का प्रबंधक बताया है। ईडी के रिमांड पत्र में खाद्य विभाग से भी भ्रष्टाचार का पैसा हासिल करने का ज़िक्र है,लेकिन इसका ब्सौरा उपलब्ध नहीं है।
सीएम भूपेश का ज़िक्र इस रुप में
ईडी के रिमांड नोट में यह लिखा गया है कि, यह सिंडिकेट राज्य सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और राजनैतिक अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था।उद्योग और वाणिज्य विभाग के संयुक्त सचिव अनिल टूटेजा इस सिंडिकेट के मास्टर माईंड थे।मुख्यमंत्री से उनकी निकटता ने सिंडिकेट को व्यवस्थित जबरन वसूली और लेन-देन के सौदों के माध्यम से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को अंजाम देने में सक्षम बनाया।
ये भी लिखा ईडी ने
ईडी ने अपने रिमांड पत्र में यह आरोप लगाया है कि,यह सिंडिकेट नक़दी के रुप में संग्रह कर रहा था। इसके लिए सुस्थापित नेटवर्क था। राशि का एक निश्चित प्रतिशत संबंधित व्यक्तियों ने अपने पास रखा और शेष धनराशि उपर भेजी गई।अनिल टूटेजा अंतिम हिस्सा राजनैतिक अधिकारियों को दे रहे थे। इस सिंडिकेट की वजह से राज्य के ख़ज़ाने को बड़ा नुक़सान हुआ। केंद्र सरकार को मिलने वाले कर का नुक़सान हुआ।
क्यों चाहिए थी अनवर की रिमांड
अनवर ढेबर को लेकर ईडी का दावा है कि, उन्हें कई बार बुलाया गया पर वे जाँच को किसी न किसी बहाने टालते रहे।7 मई 2023 को अनवर ढेबर के कार्यालय परिसर से कई आपत्तिजनक दस्तावेज रिकॉर्ड डायरी डिजिटल उपकरण/रिकॉर्ड थे जिन्हें जप्त किया गया।9 मई को फिर तलाशी ली गई जिसमें 27.5 करोड़ की एफ़डी और पचास लाख नक़दी जप्त की गई। ईडी ने अदालत से कहा है कि, अनवर ढेबर के संबंध में मिले भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री मिली है जिनमें डिजिटल भी है, उसका सामना कराना है।इन दस्तावेज़ों का विश्लेषण भी करना है जिसमें पर्याप्त समय लगना है।अनवर ढेबर से दो मोबाइल फ़ोन जप्त किए गए हैं। इनमें भारी डेटा है जिसे लेकर पूछताछ की जानी है।
ईडी ने कोर्ट से कहा है कि उसे रिमांड इसलिए भी चाहिए ताकि वह अनिल टूटेजा अनवर ढेबर और राज्यव्यापी सिंडिकेट के बीच साज़िश की जाँच कर सके।कोई वित्तीय लेनदेन को लेकर भी पूछताछ की जानी है, ये लेनदेन पीएमएलए की जाँच के दौरान सामने आए हैं। ईडी ने कोर्ट से यह भी कहा है कि, अनवर ढेबर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।