AMBIKAPUR. आज पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त स्थानांतरित की। मगर सरगुजा में इसी पीएम किसान निधि में जमकर गड़बड़ी उजागर हुई है। जहां ठगों ने किसानों के फर्जी नाम और नंबर दर्ज कर किस्त का आहरण कर लिया। हद तो ये किसानों के नाम ABCD दर्ज किए गए और मोबाइल नम्बर भी फर्जी डाले गए और किस्त का लाभ ले लिया। ऐसे में अब कृषि विभाग जिले के सभी किसानों के आधार कार्ड सीडिंग के साथ लैंड रिकार्ड सीडिंग कर व्यवस्था को दुरुस्त कर रहा है।
पहली किस्त लेने वाले किसानों की संख्या 95 हजार के करीब हैं
किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पीएम किसान निधि नाम से किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाने की मुहिम शुरू की गई। इसका मकसद था कि किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि सरगुजा में शातिरों ने इस योजना में भी सेंध लगा दी। आलम ये है कि जिले में पहली किस्त पाने वाले किसानों की संख्या 95 हजार के करीब देखकर कृषि विभाग के भी होश उड़ गए ऐसे में जब इसकी तहकीकात की गई तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए। कृषि विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि फिनो बैंक और एयरटेल बैंक में abcd नाम से किसानों के नाम दर्ज किए गए और फर्जी मोबाइल नम्बर डालकर पैसे आहरित कर लिए गए। कृषि विभाग का कहना है कि ऐसे खातों को सीज कर दिया गया है।
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सरकारी नौकरी और आयकरदाता किसानों ने इसका लाभ उठाया
पीएम किसान निधि की 13वीं किस्त 27 फरवरी को पीएम ने जारी की है, लेकिन अब भी पात्र किसान इससे वंचित हैं। इसका बड़ा कारण है कि अपात्र लोगों के इस कारनामे के बाद कृषि विभाग ने किसानों के आधार कार्ड और लैंड रिकार्ड सीडिंग की प्रक्रिया शुरू की है जो अब तक पूरी नही हो सकीं है। यही कारण है कि कृषि विभाग लगातार प्रक्रिया को पूरी करने पर जोर दे रहा है। कृषि विभाग की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि सरकारी नौकरी और इनकम टैक्स पेयी किसानों ने भी इसमें लाभ उठा लिया, जबकि वो इसके लिए अपात्र थे। ऐसे में अब कृषि विभाग जल्द प्रक्रिया पूरी कर पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ दिलाने की बात कह रहा है।
कृषि विभाग वंचित किसानों को इसका लाभ कैसे दिला पाएगा
बहरहाल कृषि विभाग ने बैंकों के खाते तो सीज कर दिए हैं मगर सवाल ये है कि जिन अपात्र व फर्जी किसानों ने इसका लाभ लिया है उनसे वसूली कैसे हो सकेगी। क्योंकि न तो किसानों के नाम सही दर्ज है और न ही मोबाइल नंबर बड़ा सवाल ये भी की आखिर अपात्रों के कारण जो पात्र किसान इस योजना से वंचित है। उन्हें कृषि विभाग इसका लाभ कैसे दिला पाएगा ये देखने वाली बात होगी।