Raipur। नया रायपुर में बीते 112 दिनों से जारी टेंट पंडाल सुबह प्रशासन ने हटाया और कुछ ही देर में किसान नेता राकेश टिकैत का वीडियो संदेश जारी हो गया।वीडियो संदेश में भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने दो दिन रायपुर में आंदोलित किसानों के साथ रहने और पंचायत स्थल पर पंचायत करने की बात कही है। वीडियो संदेश में राकेश टिकैत ने राजधानी पुलिस और प्रशासन को कहा है कि, वे किसानों को परेशान ना करें साथ ही किसानों से कहा है कि वे शांतिपूर्ण तरीक़े से अपना आंदोलन जारी रखें।
क़रीब एक मिनट तीस सेंकड के वीडियो संदेश में राकेश टिकैत कह रहे है-
“ आज हम बात करेंगे छत्तीसगढ़ की,और छत्तीसगढ़ में न्यू रायपुर,एक जगह जहां पर किसानों की बहुत सी ज़मीन उसमें जा रही है नया रायपुर बस रहा है, वहाँ पे किसानों का धरना चला हुआ है,और काफ़ी दिन से किसानों का धरना चल रहा है, किसानों की डिमांड वहाँ पर है, सरकार से भी बैठकर उनकी बातचीत हुई है। अभी 27 और 28 अप्रैल को हम रायपुर में रहेंगे।वहाँ जहां धरना चल रहा जहां पंचायत स्थल है वहाँ पंचायत करेंगे, सरकार उनको तंग ना करे।पुलिस प्रशासन के दबाव से उनको तंग ना करे।उन किसानों से भी बात करेंगे और बैठ कर सरकार से भी बातचीत करेंगे।दो दिन रहेंगे तो सरकार से भी बात करेंगे और किसानों से भी, एक इसका रास्ता निकालने की कोशिश करेंगे,पुलिस प्रशासन वैसे किसानों को तंग ना करे,हम वहाँ दो दिन के लिए आ रहे हैं, सभी किसान संगठित होकर शांतिपूर्ण तरीक़े से बैठे और सरकार से बातचीत का एक रास्ता निकाल लें।”
इस वीडियो के जारी होने के पहले तक यह सूचना थी कि, भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत केवल एक दिन के लिए आ रहे हैं पर अब उन्होने खुद स्पष्ट किया है कि वे दो दिन आंदोलित किसानों के साथ रहेंगे और सरकार से भी बात करेंगे।
भूपेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, वीडियो संदेश जारी कर कहा, 27-28 अप्रैल को नया रायपुर आउंगा, पुलिस को चेतावनी परेशान ना करें @bhupeshbaghel @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/kDcACyr824
— TheSootr (@TheSootr) April 24, 2022
सरकार की चिंता, लू लग जाती किसानाें को
सुबह जबकि रायपुर प्रशासन ने पुलिस के साथ नया रायपुर प्रशासनिक कैंपस स्थित एनआरडीए के ऑफिस के ठीक बग़ल में मौजूद नया रायपुर किसान संघर्ष समिति का टेंट पंडाल निकाला, और इसकी साथ इस मसले पर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर चला कि, किसान आंदोलन से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अल सुबह पंडाल उखाड़ा और क़रीब साठ किसानों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि प्रशासन ने पाँच किसानों के नाम जारी करते हुए स्पष्ट किया कि, किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है बल्कि इन पाँच किसानों को सम्मान से रोका गया है और सुपुर्दनामा पंचनामा की कार्यवाही में इनका सहयोग लिया जा रहा है।वहीं पंडाल उखाड़ने के समय को लेकर प्रशासन ने इसका समय सुबह क़रीब साढ़े सात बताया है।
टेंट पंडाल उखाड़ने को लेकर प्रशासन की ओर से जारी विज्ञप्ति में जिस आदेश का उल्लेख है उसमें एसडीएम आरंग का भी आदेश है। वह आदेश धरना तत्काल समाप्त करने के लिए जो कारण बता रहा है उसमें लू का प्रकोप भी एक कारण उल्लेखित है। लिखा गया है कि राजधानी क्षेत्र में लू का प्रकोप है और लू से बचने के लिए परिपत्र जारी है, इस परिस्थिति में तत्काल धरना समाप्त करें। इस कारण के ठीक पहले पत्र में यह कारण भी बताया गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144, आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 30,34 सहपठित एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 के अंतर्गत रायपुर ज़िला अंतर्गत समस्त धरना रैली जुलूस सार्वजनिक सामाजिक कार्यक्रम संस्कृति/धार्मिक कार्यक्रम खेलकूद मेला अथवा अन्य किसी प्रकार के सामुहिक कार्यक्रम प्रतिबंधित किए गए हैं।
चिंता पर किसानाें का सवाल
किसान आंदोलन से जुड़े नेता इस पत्र के मज़मून पर सवाल उठा रहे हैं। वे कहते हैं एसडीएम आरंग के पत्र के अनुसार यदि सार्वजनिक सामूहिक कार्यक्रम पर रोक है तो राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित हुए हैं जिनमें सरकार की सीधी सहभागिता रही है, उस वक्त ये आदेश का क्रियान्वयन क्यों कर संभव नहीं हो पाया जैसे हालिया दिनों आयोजित आदिवासी साहित्य सम्मेलन। साथ ही प्रशासन का यह लिखित उपक्रम जिसमें धरना बंद करने के लिए वजह आंदोलनकारियों कहीं लू से प्रभावित ना हों जाएँ, यह साबित करता है कि जनसरोकार के भाव से लहालोट प्रशासन बिलकुल ऐसा ही होना चाहिए, तो हमारी माँगें पूरी क्यों नहीं कर देता।