याज्ञवल्क्य मिश्रा, BILASPUR. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव ( निलंबित ) सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका पर सुनवाई सत्रह अप्रैल को जस्टिस पी सैमकोशी की अदालत में होगी। 17 अप्रैल को ईडी ज़मानत के विरोध में नए तर्क देगी। सत्रह अप्रैल को ही ईडी के विरुध्द दायर याचिकाओं पर सुनवाई चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में होगी।
सौम्या की जमानत याचिका पर बचाव में नए तर्क, इसलिए ईडी फिर से करेगी बहस
ईडी की कार्रवाई की वजह से 2 दिसंबर से केंद्रीय जेल में बंद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर सुनवाई यूं तो गुरुवार को हो गई थी, लेकिन बचाव पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने बहस में कुछ नए तर्क और न्याय दृष्टांत दे दिए। जिसके बाद ईडी की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मौजूद एडिशनल सॉलीसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से आग्रह किया। बचाव पक्ष ने नए तथ्य दिए हैं इसलिए हम फिर से तर्क देंगे, जिसके बाद सत्रह अप्रैल की तारीख दे दी गई। बचाव पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यह कहा गया कि, किसी सीलबंद लिफाफे को यदि अदालत में दिया जाए तो उसके बिंदू जजमेंट का हिस्सा नहीं बनेंगे। बचाव पक्ष की ओर से यह तर्क भी दिया गया कि, मामला और साक्ष्य सूर्यकांत के खिलाफ हैं इसमें सौम्या चौरसिया की भूमिका है ही नहीं। ईडी इन बिंदुओं पर सत्रह अप्रैल को तर्क देगी।
ईडी ने सीलबंद लिफाफा कोर्ट को दिया है
सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर जबकि ईडी ने बचाव पक्ष के शुरुआती तर्कों के बाद विरोध में तर्क दिए थे तो उस दौरान एक सीलबंद लिफाफा हाईकोर्ट को सौंपा था।
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ईडी के खिलाफ याचिकाओं पर भी सुनवाई सत्रह को
ईडी के खिलाफ 6 याचिकाओं को दायर किया गया है। इनमें से गुरुवार को सुनवाई पर तीन याचिकाएं आ गई थीं। इन याचिकाओं को लेकर आग्रह किया गया था कि, इसमें बहस के लिए सीनियर एडवोकेट आएंगे इसलिए अगली तारीख दी जाए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डबल बेंच जिसमें जस्टिस संजय के अग्रवाल भी हैं, उस बेंच ने इस पर सुनवाई के लिए सत्रह अप्रैल की ही तारीख दी है। इन याचिकाओं में ईडी पर प्रताड़ित करने के आरोप हैं, और मांग है कि जो बयान लिए गए हैं वो रद्द किए जाए। इन्हीं याचिकाओं में एक याचिका अनवर ढेबर की ओर से पेश है जिसमें उल्लेख है कि, वह जांच में सहयोग के लिये तैयार हैं लेकिन फिलहाल उनकी तबियत खराब है और पूछताछ जब भी हो वकील की निरंतर उपस्थिति और सीसीटीवी की निगरानी में हो।
याचिका में राज्य सरकार भी पार्टी
हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में ईडी के साथ राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है। जिन याचिका में राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है, उसमें यह मांग है कि, ईडी के जिस अधिकारी ने स्टेटमेंट रिकॉर्ड किया है उसके खिलाफ कार्रवाई हो। साथ ही राज्य सरकार को यह निर्देश देने की याचना भी है कि ‘लाईफ और लिबर्टी’ की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार जो भी कर सकती है, वह राज्य सरकार करे।
इनकी ओर से दायर है याचिकाएं
ईडी के खिलाफ अभिषेक सिंह, अमित सिंह, पिंकी सिंह, निकेश पुरोहित हनीफ ढेबर और अनवर ढेबर की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है।