BILASPUR. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने खनिज अधिकारी और सहायक भौमिक अधिकारी की भर्ती पर लगी रोक हटा ली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईकोर्ट ने ये स्थगन हटाया है। बता दें कि पीएससी के तहत कुल 19 पदों पर भर्ती होनी है जो कि पुरानी आरक्षण पद्धति निरस्त होने के बाद भर्ती प्रक्रिया पर रोक लग गई थी।
19 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ
छत्तीसगढ़ में खनिज अधिकारी और सहायक भौमिक अधिकारी की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन हटा दिया है। राज्य सरकार द्वारा पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से 8 पद खनिज अधिकारी के और 11 पद सहायक भौमिक अधिकारी के विज्ञापन निकाले गए थे। इसके तहत 58 प्रतिशत आरक्षण के माध्यम से भर्ती होनी थी, जिसका अंतिम चयन सूची वेटिंग लिस्ट सहित बीते 24 अगस्त को पीएससी ने जारी किया और राज्य सरकार को प्रेषित की गई।
क्यों लगाई थी भर्ती पर रोक
इस बीच उच्च न्यायालय के डिवीजन बेंच ने 2011 के आरक्षण संशोधन को निरस्त कर दिया गया। इसमें पुनः 50 प्रतिशत आरक्षण लागू होने से याचिकाकर्ता मोफीड अली ने याचिका फाइल की और पूरी सूची को निरस्त कर 50 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर नियुक्ति जारी करने की मांग की। इस पर उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने सुनवाई के पश्चात् नियुक्ति आदेश जारी करने पर रोक लगा दी। राज्य सरकार और अन्य ने डिवीजन बेंच के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति पर आगे की कार्रवाई जारी रखने का आदेश पारित किया था।
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नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द जारी करने का आदेश
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य सरकार की तरफ से स्थगन हटाए जाने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। इसमें राज्य सरकार की तरफ से पैरवी करते हुए उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने स्थगन देते हुए निर्देशित किया है कि सभी नियुक्ति जारी रखा जाए और नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बाधित रहेंगी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सचिन सिंह राजपूत की एकलपीठ ने आदेश जारी करते हुए नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द जारी करने का आदेश दिया है।