RAIPUR. अब वो दिन दूर नहीं है जब आईआईटी भिलाई के स्टूडेंट और एम्स के डॉक्टर एक-दूसरे के पूरक बनेंगे। जी हां, दोनों संस्थाओं ने मिलकर नॉलेज इनोवेशन क्लस्टर बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत एम्स रायपुर में भर्ती मरीजों की मदद के लिए जरूरी उपकरण आईआईटी के स्टूडेंट डेवलप करेंगे। वहीं, जब डॉक्टरों को कोई आइडिया आएगा या वे कोई रिसर्च करेंगे तब वे इसकी जानकारी स्टूडेंट्स को देंगे, ताकि वे अपने तकनीकी ज्ञान से उसे साकार रूप दे सकें। इसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा।
तकनीकी उपकरण तैयार करेंगे स्टूडेंट
एम्स रायपुर और आईआईटी भिलाई मिलकर मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करेंगे। इस संबंध में एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर की ओर से जानकारी दी गई है कि एम्स के विभिन्न विभागों के मरीजों के लिए कई तरह के उपकरणों की आवश्यकता होती है। आईआईटी के इंजीनियरिंग फैकल्टी और छात्रों को इससे अवगत कराया जाएगा। इसके आधार पर वे इसके लिए तकनीकी उपकरण तैयार करेंगे। इसी तरह एम्स के डॉक्टर अपने किए शोध को भी उनके साथ साझा करेंगे। उन्होंने ये जानकारी 7 मार्च को एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह को लेकर पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी है।
दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ. भारती पवार आएंगी
डॉ. नितिन ने आगे बताया कि दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार होंगी। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद सुनील सोनी, दुर्ग से राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय और बिलासपुर सांसद अरुण साव को आमंत्रित किया गया है। इस समारोह में कुल 850 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। 10 छात्रों को गोल्ड मेडल मिलेंगे। 6 मार्च को पूर्व छात्रों का मिलन कार्यक्रम एल्युमिनी मीट का आयोजन रखा गया है।
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शैक्षणिक शोभा यात्रा के साथ होगी दीक्षांत समारोह की शुरुआत
इस दौरान वर्ष 2012 से 2016 तक के 5 बैच के 425 एमबीबीएस छात्रों, बीएससी (नर्सिंग) के वर्ष-2013 से 2017 तक के 5 बैच की 292 छात्राओं, एमडी-एमएस-एमडीएस के 120 छात्रों, एमएससी नर्सिंग की 8 छात्राओं और मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ के 5 छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। दीक्षांत समारोह की शुरुआत सुबह 9 बजे से शैक्षणिक शोभायात्रा के साथ होगी और समापन दोपहर 1:30 बजे किया जाएगा।