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BILASPUR. बिलासपुर के फैमली कोर्ट में 14 अक्टूबर (शुक्रवार) को उस समय अचानक ऐसे हालात बन गए जब एक वकील को सिपाही ने कोर्ट से बाहर निकाल दिया। जानकारी के अनुसार वकील एक महिला की पैरवी कर रहा था। जज के कहने पर सिपाही ने वकील के साथ ऐसा व्यवहार बाहर किया। इससे नाराज जिला अधिवक्ता संघ ने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और फैमिली कोर्ट के बाहर नारेबाजी करते हुए जमकर हल्ला बोला। वकीलों ने जज से माफी मांगने की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन किया।
फैमिली कोर्ट में पति-पत्नी के आपसी विवाद का मामला चल रहा था। महिला की तरफ से वकील दाऊ चंद्रवंशी पैरवी करने के लिए खड़े थे। तलाक और भरण-पोषण के इस केस में कोर्ट के आदेश पर महिला को पति की ओर से भरण पोषण की राशि नहीं दी जा रही थी।
महिला के पति के वकील ने रखा समझौत करने का प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार महिला के पति की तरफ से वकील ने समझौता करने के लिए प्रस्ताव रखा। साथ ही कहा कि 6 लाख रुपए लेकर वह तलाक ले ले। तब महिला और उनके वकील दाऊ चंद्रवंशी ने कहा कि 6 लाख रुपए तो भरण पोषण का ही बकाया है। ऐसे में समझौता करने के लिए और अतिरिक्त रकम देना चाहिए।
इस दौरान दोनों पक्षों में सुलह नहीं होने पर फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद ने केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि तलाक के लिए पति और पत्नी के बीच समझौता नहीं बन पा रहा है। इसलिए इसे दूसरे कोर्ट को भेजा जाएगा।
इसलिए भड़के वकील और नारेबाजी भी करने लगे
जज के इस केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने पर अधिवक्ता दाऊ चंद्रवंशी ने उन्हें सुनवाई करने का आग्रह किया। इससे नाराज प्रधान न्यायाधीश ने सिपाही को बुलवा लिया और वकील का हाथ पकड़कर कोर्ट से बाहर करा दिया। इसकी जानकारी वकील चंद्रवंशी ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों को दी। इसके बाद भड़के वकील फैमिली कोर्ट पहुंच गए और नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे।
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