KORBA. सांपों की दुनिया में कई सांप ऐसे हैं, जिन्हें मान लिया गया है कि अब ये दुनिया में शायद ही बचे होंगे। लेकिन कहीं न कहीं ये मिल जाते हैं। कुछ ऐसा ही सांप कोरबा के जंगल में मिला है। नाम है कीलबैक स्नेक, जिसे लेकर सर्पप्रेमी और जानकार भी अचरज में हैं। वे इसकी खासियतों के बारे में बता रहे हैं और इसके संरक्षण पर बात कर रहे हैं। इसका वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस सांप की खासियत
कोरबा जिले के छुरी नगर पंचायत के पर्यटन स्थल झोरा से लगे गांव सिरकी के पास ये विलुप्तप्राय सांप मिला है। जैसे ही लोगों ने इस सांप को देखा तो उन्हें अजीब लगा। कारण ये कि यह अन्य सांपों से एकदम चिकना था और हरे और पीले रंग का कॉम्बिनेशन इसे अलग ही लुक दे रहा था, जो अन्य सांपों से बिल्कुल अलग था। तब मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। फिर इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की राज्य संयुक्त सचिव निधि सिंह तक पहुंची। उन्होंने भी आकर इसका जायजा लिया। उन्होंने बताया कि इस दुर्लभ कीलबैक सांप की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी ऊंची कीमत है। यह हरे और पीले रंग में होता है। खास बात ये है कि इस सांप में जहर बिल्कुल भी नहीं होता। यह एशिया महाद्वीप में ही पाया जाता है, लेकिन ये उम्मीद नहीं थी कि छत्तीसगढ़ में भी यह मिल जाएगा। वन विभाग की टीम ने पहले पंचनामा तैयार किया और फिर इसके बाद इसे घने जंगल में सुरक्षित जगह पर ले जाकर छोड़ दिया गया।
वन विभाग की चौथी सूची में है सांप
वन विभाग की ओर से पेड़-पौधों और वन्य जीवों के संरक्षण की जिम्मेदारी सबसे महत्वपूर्ण है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण भी शामिल है। लेकिन, सांपों का संरक्षण भी उन्हीं के अधीन आता है। उनकी सूची में यह चौथे स्थान पर है। इसीलिए वन कर्मियों को इनके प्रबंधन का तरीका भी सिखाया जाता है। कहीं पर भी दुर्लभ प्रजाति का सांप मिलता है तो उनके चिन्हांकन, सूचीकरण और फिर संरक्षण की जिम्मेदारी भी उन्हें निभानी पड़ती है। अब इस सांप के मिलने से सांपों के लिए समृद्ध माने जाने वाले कोरबा के जंगल के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई है।