JAGDALPUR. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा के बयान के बाद बस्तर में भी सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के सीनियर आदिवासी नेता एवं पूर्व मंत्री रह चुके केदार कश्यप ने पलटवार किया है। केदार कश्यप ने कहा है कि बस्तर के आदिवासी अपने नाम के आगे राम और नाम के आखिर तक में राम का नाम इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कवासी लखमा से उल्टे सवाल करते हुए कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में होने वाले रामाराम मेला देवी दंतेश्वरी बस्तर दशहरा और स्थानीय देवी-देवताओं पर क्या उनकी आस्था नहीं है?
आदिवासियों की आस्था में भगवान राम हमेशा से जुड़े हैं
केदार कश्यप ने यह भी कहा कि दअरसल आदिवासियों को आपस में लड़ाने और अलगाव के लिए इस तरह के बयान देकर लोगों को भड़काया जा रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि बस्तर के कण-कण में और आदिवासियों की आस्था में भगवान राम हमेशा से जुड़े हुए हैं और दंडकारण्य उनकी वनवास का क्षेत्र रहा है। तब से आदिवासियों की आस्था उनमें है, केदार कश्यप ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री कवासी लखमा की आस्था और निष्ठा केवल गांधी परिवार पर है ना कि बस्तर के आराध्य देवी-देवताओं और धार्मिक परंपराओं पर।
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महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर बीजेपी चलती है, कांग्रेस नहीं
इसके साथ ही केदार कश्यप ने प्रदेश के एक अन्य मंत्री अमरजीत भगत के बयान ‘नाथूराम गोडसे के मंदिर बनवाने और आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के योगदान’ वाले बयान पर भी पलटवार किया है। मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि देश की आजादी के समय में सभी लोग एकसाथ थे। महात्मा गांधी ने कांग्रेस पार्टी को समाप्त करने की बात कही थी, देश की आजादी में कांग्रेस के कौन से नेता शहीद हुए? कांग्रेस देश की आजादी देने वालों के पक्ष में नहीं है। भगत सिंह समेत अनेक लोगों को कांग्रेस ने सम्मान नहीं दिया, महात्मा गांधी के पदचिन्हों पर बीजेपी चलती है, कांग्रेस नहीं।
कवासी लखमा ने कहा था कि आदिवासी हिंदू नहीं
छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री और आदिवासी नेता कवासी लखमा के बयान पर एक बार फिर सियासी बवाल मचा हुआ है और बीजेपी ने सीधे-सीधे भूपेश सरकार पर इस बयान को लेकर छत्तीसगढ़ में हिंदू धर्म को बांटने के लिए रणनीति तैयार करने का आरोप लगाया है। बीते शनिवार को हुए आदिवासी अनुसूचित जनजाति सम्मेलन में आदिवासी नेता और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बयान देते हुए कहा था कि ‘आदिवासी हिंदू नहीं हैं। उनके लिए अलग से धर्म कोड बनना चाहिए और इसके लिए आने वाले 20 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से आदिवासी समाज मुलाकात कर आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड बनाने की मांग करेगा। इस बयान को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार हिंदुओं को बांटने की रणनीति तैयार कर रही है। इस वजह से कैबिनेट मंत्री इस तरह का बयान दे रहे हैं।