Raipur । हसदेव अरण्य को लेकर शीर्ष अदालत नेे केंद्र सरकार,छत्तीसगढ़ सरकार,राजस्थान सरकार और अडान कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हसदेव अरण्य में उत्खनन को गलत बताते हुए अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव की ओर से याचिका पेश की गई थी,जिसमें यह बताया गया था कि, हसदेव अरण्य जंगल उद्याेग उत्खनन के लिए नाे गो एरिया है इसमें परसा इस्ट केते बासेन की पूर्व में दी गई अनुमति को खारिज कर दिया गया था,साथ ही डब्लू आई आई और आईसीएफआई से विस्तृत रिपाेर्ट भी मांगी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने काेई अध्ययन नही कराया और खदानों को अनुमति देना जारी रखा है। सर्वाेच्च अदालत में जस्टिस डी वाय चंद्रचूड,जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पी एन नरसिम्हा ने इस याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार राजस्थान सरकार और अडानी को नाेटिस जारी कर जवाब मांगा है।
क्या कह रही है याचिका
याचिका में यह बताया गया है कि,हसदेव अरण्य में उत्खनन को लेकर 2014 में ही मनाही थी, और इसे नो गो एरिया बताया गया था।इस इलाके में बाघ समेत स्पेशिज वन कैटेगरी के जानवरों की मौजूदगी को लेकर डब्लू आई आई और आईसीएफआई से विस्तृत रिपाेर्ट भी मांगी गई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने काेई अध्ययन नही कराया,सात बरस बाद अभी डब्लू आई आई की रिपाेर्ट आई है कि, इस इलाके में जितना उत्खनन हो चुका है उसके अलावा अन्य इलाके में उत्खनन ना कराया जाए,इसके बावजुद छत्तीसगढ़ सरकार ने परसा इस्ट केते एक्सटेंशन और परसा कोल ब्लॉक को उत्खनन के लिए वन पर्यावरणीय अनुमति दे दी।इस उत्खनन से 4 लाख से उपर पेड़ कटेंगे,और मानव हाथी संघर्ष बढेगा।
सुनवाई के दाैरान केंद्र,राजस्थान सरकार और अडानी ने कहा
याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, केंद्र सरकार इन आवेदनाें पर जवाब दाखिल करना चाहती है, इसलिए अभी तुरंत कोई स्टे नही दिया जाए। जबकि राजस्थान और अडानी की ओर से मुकुल रोहतगी और अभिषेक मनु सिंघवी ने विशेष तौर पर जोर देते हुए कहा कि,राजस्थान को बिजली के लिए कोयले की बहुत जरूरत है।इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा नो गो एरिया के बाहर बहुत कोल ब्लॉक है जहां पर्याप्त कोयला उपलब्ध है।
चार हफ्ते बाद होगी सुनवाई
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार,राजस्थान सरकार और अडानी को नाेटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी। मूलतः याचिका में तात्कालिक राहत के रूप में उत्खनन पर स्टे की याचना थी, इस पर बहस चार हफ्ते के बाद होगी।
हाईकाेर्ट में परसा भूमि अधिग्रहण को लेकर दायर याचिकाएं खारिज
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने परसा कोल ब्लॉक अधिग्रहण में कोल बेरिंग एक्ट का उपयाेग किए जाने को चुनाैती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। अभी विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है, जिससे कि यह स्पष्ट हो सकेगा कि,किन वजहों से उच्च न्यायालय ने याचिका को खारिज किया है