Raipur. छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला मामले में केंद्रीय जेल में निरुद्ध सीएम भूपेश बघेल की निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की रायपुर कोर्ट में आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए पेशी हुई। रायपुर कोर्ट ने श्रीमती सौम्या चौरसिया को इस प्रकरण में पेश होने के लिए 27 जनवरी की तारीख़ दी है। इसी मामले में केंद्रीय जेल में बंद निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, लक्ष्मीकान्त तिवारी और कोल व्यवसायी सुनील अग्रवाल की अगली पेशी 14 फ़रवरी को नियत है। सौम्या चौरसिया की ओर से ज़मानत आवेदन भी पेश किया गया है। जिस पर सुनवाई के लिए अदालत ने 19 जनवरी की तारीख़ दी है।
27 जनवरी को पेश हो सकता सौम्या के खिलाफ ED का पूरक चालान
सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया जो कि निलंबित हैं, उनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय 27 जनवरी को चालान पेश कर सकता है। नियमों के अनुरुप ईडी को अभियुक्त की गिरफ़्तारी के साठ दिनों के भीतर चालान पेश करना बाध्यता है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो अभियुक्त को ज़मानत मिलने की विधिक अधिकारिता मिल जाती है। 28 जनवरी को सौम्या चौरसिया के गिरफ़्तारी को साठ दिन पूरे होंगे इस से पहले ED चालान पेश कर सकती है। क़यास हैं कि ईडी 27 जनवरी को ही चालान पेश कर देगी।यह पूरक चालान कहलाएगा।
क्या है मसला
ईडी ने अभियोग लगाया है कि, प्रदेश में कोयला घोटाला हुआ है। प्रति टन 25 रुपए की अवैध वसूली की जाती थी। यह एक गिरोह के ज़रिए किया जाता था, इसमें सूर्यकांत तिवारी का मुख्य किरदार था। ईडी के अनुसार सूर्यकांत तिवारी यह वसूली करा सके इसके लिए ट्रांसपोर्टिंग के नियमों को बदल दिया गया, नियमों में बदलाव IAS समीर बिश्नोई ने किया। कोल वाशरी संचालक सुनील अग्रवाल की इस रैकेट में अहम भुमिका थी। ईडी के अनुसार इस पूरे गिरोह को यदि सूर्यकांत तिवारी मैदान में संचालित करता था और पूरा प्रशासन इसमें मौन और विरोध नहीं करता था बल्कि सहभागी था तो इसके लिए सूर्यकांत तिवारी को ताक़त सौम्या चौरसिया से मिलती थी। सौम्या चौरसिया सीएमओ में सबसे प्रभावशाली महिला थीं और उन्होंने पर्दे के पीछे से यह संचालित कराया। ईडी के अनुसार इससे क़रीब पाँच सौ करोड़ से अधिक की वसूली हुई जो कि चुनाव समेत कई कामों में खर्च हुई। इस से लाभान्वित होने वालों ने इससे जुटाई रक़म का निवेश बड़े पैमाने पर अचल संपत्ति में किया।
क्या होता है पूरक चालान
विवेचना के दौरान जबकि अलग अलग अभियुक्त अलग अलग समय में पकड़ाते हैं तो उन अभियुक्तों की अपराध में भूमिका को लेकर विवेचना करने वाली एजेंसी चार्जशीट पेश करती है। चुंकि मुख्य चालान ( चार्जशीट) पहले पेश होती है और अन्य अभियुक्त बाद में गिरफ़्तार होते हैं तो एजेंसियाँ कोर्ट को यह बताती हैं कि, अपराध में अभियुक्त की क्या भुमिका थी। श्रीमती सौम्या चौरसिया को लेकर ईडी के पूरक चालान पर सबकी नज़रें हैं कि आख़िर ईडी सौम्या चौरसिया के खिलाफ क्या आरोप बताती है और उसके समर्थन में किस किस साक्ष्य को पेश करती है।
सौम्या की ओर से ज़मानत आवेदन पेश
सीएम बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया की ओर से अदालत में ज़मानत आवेदन पेश किया गया है। इस आवेदन में यह आधार दिया गया है कि, शैड्यूल अफेंस में उनका नाम नहीं है। आवेदन में बताया गया है कि, जो आरोप लगाए गए हैं उसमें ना तो कोई संलिप्तता है ना ही नाम शामिल है। रायपुर अदालत इस आवेदन पर 19 जनवरी को सुनवाई करेगी। इस बहस पर कइयों की नज़रें टिकी हैं।