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RAJNANDGAON. राजनांदगांव में संचालित शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेंड्रा में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व्यवस्था में कमी को लेकर को लेकर कई बार पालकों ने आवाज उठाई और कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन किया, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। ऐसे में पालक संघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आगामी 29 जनवरी को अपने बच्चों को इस आवासीय विद्यालय से वापस घर ले जाने की बात कही है।
29 जनवरी को बच्चों को वापस लाने की कही बात
शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के पालक संगठन ने विद्यालय में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, सुविधा में कमी का आरोप लगाते हुए आगामी 29 जनवरी से अपने बच्चों को वापस घर ले जाने की बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कही है। राजनांदगांव में संचालित शासकीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेंड्री में स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा व्यवस्था में कमी को लेकर को लेकर कई बार पालकों ने आवाज उठाई और कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक आवेदन किया, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हुई। ऐसे में पालक संघ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आगामी 29 तारीख को अपने बच्चों को इस आवासीय विद्यालय से वापस घर ले जाने की बात कही है।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अधिकारियों पर आरोप
पालक संघ के अध्यक्ष रमेश ने कहा है कि कई बार शासन-प्रशासन को इन सभी चीजों से अवगत कराया गया है लेकिन अब शासन-प्रशासन से सीधी बात नहीं होगी, बात पत्रकारों के जरिए होगी। जो सुविधा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में होनी चाहिए उनमें कमियां हैं। यहां बच्चों को बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही हैं। खानपान में कमी है। वहीं शिक्षा के स्तर में भी कमी है और सुरक्षा का भी बुरा हाल है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश से आदिवासी विकास के लिए जो रुपए आते हैं, उसमें प्रदेश से जिले तक के अधिकारी बंदरबांट करते हैं।
1 साल में 4 बार प्राचार्य के बदलने का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पालक संघ ने कहा है कि 29 जनवरी को सभी पालक अपने-अपने बच्चों को अपने साथ वापस घर ले जाएंगे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक अनियमितता और 1 साल में 4 बार प्राचार्य के बदलने का आरोप लगाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा है कि जो इनके भ्रष्टाचार में साथ नहीं देता है उसे बदल दिया जाता है।
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एकलव्य आवासीय विद्यालय में पढ़ रहे हैं 218 बच्चे
एकलव्य आवासीय विद्यालय में 218 बच्चे अध्ययनरत हैं। 109 बालक और 109 बालिका शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कई बार शासन-प्रशासन को आवेदनों के माध्यम से अवगत कराया है, लेकिन अब शासन-प्रशासन से सीधी बात नहीं होगी जब भी बात रखनी होगी हम पत्रकारों के जरिए अपनी बात रखेंगे।
आदिम जाति कल्याण विभाग को बताने के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
बीते 11 दिसंबर को पालक संघ ने इन सारी खामियों पर आदिम जाति कल्याण विभाग को अवगत कराया था, लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी। ऐसे में सभी पालकों ने अपने बच्चों को वापस घर ले जाने का मन बना लिया है।