रायपुर में कैश कलेक्शन एजेंट ने बैंक में नहीं की रेलवे की राशि जमा, 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
रायपुर में कैश कलेक्शन एजेंट ने बैंक में नहीं की रेलवे की राशि जमा, 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी

RAIPUR. रेलवे में वैगन रिपेयरिंग शाप घोटाले के बाद एक और मामला सामने आया है। ट्रेजरी रेमिटेंस (टीआर) में कूटरचना करते हुए एसआइबी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के कैश कलेक्शन एजेंट ने लाखों रुपए का गबन कर दिया। मौदहापारा थाने में आरोपित खेमंत कुमार विश्वकर्मा के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। 



अलग-अलग धाराओं में अपराध दर्ज किया 



रेलवे स्टेशन रायपुर द्वारा अलग-अलग अवधि में जमा करने के लिए दिए गए रुपये में से 44 लाख छह हजार 752 रुपये खुद रख लिए। मामले का राजफाश होने के बाद गबन की गई राशि में से आठ लाख 30 हजार एजेंट ने जमा कर दिए। वहीं, 35 लाख 76 हजार 752 रुपये अब तक नहीं लौटाए। आरोपित के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध कायम किया गया है।



एसआइबी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में काम करता है खेमंत कुमार विश्वकर्मा 



मौदहापारा थाने से मिली जानकारी के अनुसार कंचन गंगा अपार्टमेंट कबीर नगर निवासी गगन पाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। वे एसआइबी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में एजीएम आपरेशन एंड मार्केटिंग के पद पर पदस्थ हैं। कंपनी का काम सिक्योरिटी और कैश मैनेजमेंट का है। कंपनी में पदस्थ खेमंत कुमार विश्वकर्मा ने कूटरचना कर रेलवे द्वारा जमा किए गए रुपये को एसबीआइ बैंक में जमा नहीं किया। उसने अपने निजी कार्य में उपयोग कर लिया।



यह खबर भी पढ़ें






16 जून 2021 से कैश कलेक्शन करने का काम देखता था



रिपोर्ट के अनुसार, खेमंत कंपनी में 16 जून 2021 से कार्यरत था। कैश कलेक्शन करने का काम देखता था। कंपनी को भारतीय स्टेट बैंक से कैश पिकअप और डिपाजिट करने का ठेका मिला हुआ है। साउथ ईस्टर्न रेलवे रेलवे स्टेशन रायपुर से रुपये कलेक्ट कर जयस्तंभ चौक स्थित एसबीआइ मुख्य शाखा में जमा करने का कार्य खेमंत कुमार विश्वकर्मा दिया गया था। प्रतिदिन पैसे इकट्ठा कर के बैंक में जमा कराने जाता था।



ऐसे हुआ गबन का पर्दाफाश 



एसबीआइ मेन ब्रांच बिलासपुर से कंपनी को पांच दिसंबर 2022 को पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें 25 मार्च 2022 से विभिन्न तिथियों में खेमंत कुमार विश्वकर्मा के द्वारा रेलवे स्टेशन रायपुर से कलेक्ट राशि के ट्रेजरी रेमिटेंस (टीआर) में दर्ज राशि में कूटरचना कर कम राशि जमा करने की जानकारी हुई। मूल राशि में से 44 लाख 6 हजार 752 रुपये कम थी। टीआर की छायाप्रति की जांच की गई। खेमंत ने रायपुर रेलवे स्टेशन के कार्यालय से राशि के साथ टीआर प्राप्त किया गया था, लेकिन बैंक में जमा करने से पूर्व टीआर में दर्ज रकम को कूटरचना कर कम राशि जमा किया।


रेलवे के 44 लाख रुपये एजेंट ने बैंक में नहीं की राशि रायपुर में धोखाधड़ी सीजी न्यूज 44 lakh rupees of railway agent did not deposit amount in bank Fraud in Raipur CG News