शिवम दुबे, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मुद्दा एक नया मोड़ लेता दिख रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ भीम आर्मी ने मोर्चा खोल दिया है। भीम आर्मी अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकले। हालांकि, उन्हें पुलिस ने बल और बैरिगेट का इस्तेमाल करते हुए बीच में ही रोक दिया। लेकिन इस प्रदर्शन पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी शामिल हुए है। राजधानी रायपुर में पहुंचे चंद्रशेखर ने आरक्षण मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार को चेतावनी दी है।
भीम आर्मी ने क्यों किया सीएम हाउस घेराव?
मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर भी शामिल हुए। बाद में जिला प्रशासन के अफसरों ने उनका ज्ञापन लिया। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया था। यह रमन सरकार में हुआ था। बाद में भूपेश बघेल सरकार ने बढ़ाकर 13 फीसदी किया। हालांकि प्रदेश में आरक्षण का विवाद अभी कोर्ट में है। इसके चलते अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस घेराव का फैसला लिया था। भीम आर्मी की मांग है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षण 16 फीसदी कर दिया जाए।
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सरकार को आंदोलन की चेतावनी, लड़ सकते है चुनाव
चंद्रशेखर आजाद ने एससी आरक्षण को 13 फीसदी से बढ़ाकर 16 फीसदी करने की मांग की है। आजाद ने कहा कि अगर ये मांगे नहीं मानी गई तो आने वाले 3 मार्च को पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेंगे। चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि 90 प्रतिशत लोग 10 प्रतिशत लोगों पर राज कर रहें हैं। उन्हे पिछड़ों और शोषित वर्ग के लोगों से कोई लेना देना नहीं हैं। इतना ही नहीं धरना स्थल पर मीडिया से चर्चा करते हुए आजाद ने चुनाव लड़ने की बात भी कह डाली। चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो आने वाले चुनाव में अपना नेता भी मैदान में उतारेंगे।
100 में से 90 शोषित, शोषितों ने ललकारा
धरना स्थल पर अपने उद्बोधन में चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि 100 में से 90 शोषित, शोषितों ने ललकारा है। धन, धरती और राजपाठ में 90 फीसदी हिस्सा हमारा है। उन्होंने एक और नारा दिया था। 90 पर 10 शासन नहीं चलेगा। लेकिन बुरा यह है कि उनके जाने के बाद भी आज भी 90 फीसदी लोगों पर भी 10 फीसदी हावी है। उन्होंने कहा कि अधिकार अगर मांगने से मिलते तो हजारों साल से आज इस देश में हमलोग अधिकारों को मांग रहे, चिल्ला रहे, रो रहे, अन्याय सह रहे, लेकिन आज तक हमलोगों को अधिकार नहीं मिल सका।