रायपुर में CM बघेल के तीखे तेवर- राज्यपाल हठधर्मिता पर अड़ी हैं, पता नहीं एकात्म परिसर से किसकी पर्ची आई है 

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Jitendra Shrivastava
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रायपुर में CM बघेल के तीखे तेवर- राज्यपाल हठधर्मिता पर अड़ी हैं, पता नहीं एकात्म परिसर से किसकी पर्ची आई है 

याज्ञवल्क्य मिश्रा, Raipur. आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने के मसले पर राजभवन और राज्य सरकार के बीच तेवर तल्ख़ होते जा रहे हैं। राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके ने विधेयक के संबंध में सरकार को भेजी प्रश्नावली के जवाब नहीं मिलने की बात दोहराई है तो वहीं सीएम बघेल ने इसे राज्यपाल की हठधर्मिता करार दे दिया है। अब से कुछ देर पहले कांग्रेस के आदिवासी वर्ग से जुड़े विधायक राजभवन पहुंचे हैं।



क्या है मामला 



बीते 2 दिसंबर को राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर नया आरक्षण विधेयक पारित कर दिया। 2 दिसंबर को ही मंत्री मंडल के सदस्य राज्यपाल के पास पहुंचे और विधेयक हाथों हाथ सौंपकर उनसे हस्ताक्षर का आग्रह किया। राज्यपाल ने तब आवश्यक औपचारिकताओं का हवाला देते हुए कहा कि, औपचारिकताएं पूरी होते ही वे हस्ताक्षर कर देंगी। 9 दिसंबर को राज्यपाल अनुसूईया उईके ने स्पष्ट किया कि, विधेयक में कई विधि सम्मत प्रश्न हैं जिनका जवाब जानना जरूरी है, और इस संबंध में राज्य सरकार को दस प्रश्न भेजे गए हैं, राज्य सरकार जवाब दे तो स्थिति स्पष्ट होगी। इसके बाद राज्यपाल सुश्री उईके दिल्ली गईं और उनकी वहां गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू से मुलाकात हुई। इस बीच जबकि राज्यपाल दिल्ली दौरे पर थीं तब भूपेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कवासी लखमा ने विवादित टिप्पणी करते हुए राज्यपाल को बीजेपी का एजेंट कह दिया। राज्यपाल सुश्री उईके जब लौटीं तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि विधेयक के संबंध में सरकार को जो प्रश्न भेजे गए हैं उनके जवाब जब तक नहीं आएंगे, विचार कैसे होगा। 



क्या बोले- सीएम भूपेश बघेल 



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो कि अब तक राज्यपाल पर सीधी टिप्पणी से बच रहे थे, उन्होंने भी अब सीधे राज्यपाल पर टिप्पणी की है।सीएम बघेल ने यह कहा है कि, पता नहीं राज्यपाल को बीजेपी से किसका फ़ोन आया या किसकी पर्ची आई है जो राज्यपाल पहले तैयार थीं अब बीस दिन हो गया है विधेयक रुका हुआ है। सीएम बघेल ने राज्यपाल अनुसूईया उईके के द्वारा 

प्रश्नों के जवाब मांगे जाने पर नाराजगी भरे लहजे में कहा  “वैसे उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, यदि उसी पे अड़े हुए हैं.. तो हम जवाब भेज देंगे.. भेजने में कितना देर लगता है.. लेकिन वो चीज़ उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है, जो चीज़ विधानसभा में हो चुका है पारित, उसमें विभाग थोड़ी जवाब देगा लेकिन यदि अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और नियम से बाहर जाकर भी काम करना चाहते हैं हमें तकलीफ़ नहीं है। प्रदेश के हित में बच्चों के भविष्य को लेकर हम किसी प्रकार का कोई अड़ंगा नहीं होने देंगे। वो चाहती हैं कि उनकी ज़िद पूरी हो, हम भिजवा देंगे..”



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सीएम बघेल ने आगे कहा 



“महामहिम महोदया तो पहले तैयार थीं,उसी के कहने पर विशेष सत्र बुलाया गया.. ले आया.. बोले एक मिनट नहीं लगेगा हस्ताक्षर करने में.. अब पता नहीं किसका फोन आया या एकात्म परिसर से किसकी पर्ची आई..उसके बाद वो रुक गया है..आज बीस दिन हो गया रुके..ये उचित तो है नहीं..”



आदिवासी वर्ग के कांग्रेस MLA राजभवन पहुंचे 



अब से कुछ देर पहले राज्यपाल से मिलने कांग्रेस के आदिवासी वर्ग से जुड़े कांग्रेस के विधायक राजभवन पहुंचे हैं। ये विधायक आरक्षण विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करने राजभवन पहुंचे हैं।


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