रायपुर में नियमितीकरण की मांग को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे के बंगले पहुंचे संविदा कर्मचारी , मंत्रालय आने की बात कहकर लौटाया

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The Sootr CG
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रायपुर में नियमितीकरण की मांग को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे के बंगले पहुंचे संविदा कर्मचारी , मंत्रालय आने की बात कहकर लौटाया

RAIPUR. छत्तीसगढ़ के रायपुर में सभी विभाग के संविदा कर्मचारी, संगठन के लोग कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे से मिलने पहुंचे। इस दौरान वे माता कौशल्या के मंदिर का नारियल भी लेकर आए। नारियल लेकर पहुंचे संविदा कर्मचारियों को मंत्री ने अपने बंगले से जाने को कहा। साथ ही समय लेकर मंत्रालय आने को कहा। बता दें कि अलग-अलग विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। मंत्री से मुलाकात कर नियमितीकरण की गुहार लगाना चाह रहे थे।





नियमितीकरण की मांग कर रहे कर्मचारी





कर्मचारियों के संगठन से जुड़े हेमंत सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों चंदखुरी तक कर्मचारी पैदल यात्रा निकालकर पहुंचे थे। माता कौशल्या के दरबार में मत्था टेककर नियमितीकरण की मनोकामना मांगी थी। हजारों दीपक जलाए थे, वे मनोकामना का नारियल मंत्री को देना चाहते थे। उनसे मिलकर अपनी समस्या साझा करना चाहते थे लेकिन उन्होंने नारियल लेने से इनकार कर दिया और कह दिया कि मंत्रालय आकर मिलना। दूसरी ओर, सूत्रों के मुताबिक अगर प्रदेश के करीब 45 हजार कर्मचारियों को नियमित किया गया तो शासन पर 700-800 करोड़ रुपए साल का भार आने वाला है। 





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कर्मचारियों को पहले भी लौटा चुके हैं मंत्री





कर्मचारियों के अनुसार, इसके पहले भी जब हम रविंद्र चौबे से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे उन्होंने ऐसा ही कह कर हमें लौटा दिया था। जब हम मंत्रालय पहुंचे समय लेकर उनसे मिलने वाले थे तो अपॉइंटमेंट दिए जाने के बाद भी मंत्री से मुलाकात नहीं हुई। उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने कह दिया कि मंत्री के पास मिलने का समय नहीं है और हमें मंत्रालय से भी लौटा दिया गया। अब हमारे साथ यही हो रहा है हम मंत्री के बंगले जाते हैं तो वे मंत्रालय आने को कहते हैं और मंत्रालय जाते हैं तो वहां पर भी मंत्री नहीं मिलते।





चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने किया था वादा 





कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। सूत्रों के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इस साल दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लेगी और जनवरी-फरवरी (चुनावी साल) में इसकी घोषणा की जा सकती है। हालांकि आला अफसर अभी इस मामले में खामोश हैं। भास्कर ने वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग के आला अफसरों से बात की, लेकिन किसी ने इस मामले में टिप्पणी से मना किया। हालांकि यह जरूरी कहा कि संविदा और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है।



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