नितिन मिश्रा, Raipur. स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निगम सरकार की फ़ूड बैंक योजना महीनों से बंद है। राजधानी की शहर सरकार ने बड़े ज़ोर शोर से यह योजना शुरु की थी। इस योजना के तहत यह प्रावधान था कि, प्लास्टिक और कचरा जमा करने के एवज़ में फ़्री में नाश्ता मिलना था। लेकिन अब ये फ़ूड बैंक बंद हैं। निगम अमले की ओर से बताया गया है कि, बंद करना मजबूरी है क्योंकि कोई संस्था इसे संचालित करने को नहीं मिल रही है। सवाल उठ रहे हैं कि जबकि यह फ़ूड बैंक की घोषणा हुई तो क्या केवल वाह वाही के लिए घोषणा हुई और कुछ दिन चलाने के बाद बंद कर दिया गया।
छलावा निकली नगर निगम की फूड बैंक योजना
रायपुर शहर को कचरा मुक्त करने के लिए शहर की सरकार ने साल भर पहले फूड बैंक की शुरुआत की थी जहां पर एक किलो सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जमा करने पर फ्री में नाश्ता दिया जाना था। जोन 4 में मौजूद जाह्नवी महिला स्वसहायता समूह द्वारा संचालित फूड बैंक की पड़ताल करने द सूत्र की टीम गई, जहां पर देखने को मिला की फूड बैंक के लिए जगह भी है फूड बैंक का बैनर भी लगा हुआ है। लेकिन फूड बैंक में ताला लगा हुआ। आसपास के लोगों से बात करने पर पता चला की यह योजना पिछले कुछ महीनों से बंद कर दी है। फूड बैंक में रखे बर्तनों में धूल की परत लग चुकी है। नगर निगम के कुछ प्रतिनिधियों से जब फूड बैंक के बारे में पूछा गया तो उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी।
बंद करना मजबूरी, फूड बैंक चलाने वाले की तलाश- कमिश्नर
नगर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि हमे फूड बैंक चलाने के किसी NGO की सहायता चाहिए। जैसे ही कोई इसमें रुचि दिखाएगा हम सारे समान के साथ उनको फ़ूड बैंक सौंप देंगे। साथ ही जमा होने वाली बैन पॉलीथिन को हम रिसायकल करने के लिए भेज देते हैं नगर निगम जल्दी ही फिर से फूड बैंक चालू करेगा।