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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इन दिनों आयकर की कार्रवाई चल रही है। इस दौरान रायपुर और दुर्ग-भिलाई में ट्रांसपोर्टर, सराफा, बिल्डर और फाइनेंशियल कारोबारियों के यहां टीम जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार जांच में अब तक तक सभी ठिकानों से लगभग 3 करोड़ रुपए नगद, प्रापर्टी के पेपर्स और ज्वेलरी मिली है। फिलहाल इनका मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके साथ ही निवेश के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
कारोबारियों के बैंक लॉकरों की मिली जानकारी
जानकारी के अनुसार कारोबारियों के बैंक लॉकरों का भी पता चला है। इन्हें अगले हफ्ते खोले जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि कोरोनाकाल के बाद से कारोबारी मंदी दिखाकर करोड़ों रुपए की जमीन, प्रॉपर्टी और कई जगहों में निवेश किया गया है। इसके बाद इनकी भी जांच होगी। छापेमारी में 21 ठिकानों की जांच के बाद कुछ जगह से टीम लौट गई है।
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आयकर टीमें हीरापुर में आरके रोडवेज के सीमेंट कारोबार, रोज-बेरी रिसोर्ट कचना के आशीष अग्रवाल और नरेंद्र अग्रवाल, रोज-बेरी रिसोर्ट प्रा.लि. के ओडिशा के मुख्यालय, राजधानी में रिंगरोड नंबर 3 पर रिसोर्ट और पंडरी में होटल लैंडमार्क समेत मालिक सुनील अग्रवाल के स्वर्णभूमि स्थित घर पर जांच कर रही है। इनमें 160 आयकर अफसर और 70 सीआरपीएफ के सुरक्षा जवान शामिल हैं। 7 जनवरी शुक्रवार को राजधानी के 19 और दुर्ग के 2 ठिकानों पर दबिश दी थी। हीरापुर में आरके रोडवेज, बंसल इंफ्रा देवेंद्र नगर, पंडरी, मोवा और दुर्ग-भिलाई के सप्लायर, फाइनेंसर और सराफा कारोबारी कमलेश बैद के 2 परिसरों में जांच की गई। बंसल इंफ्रा के कार्यालय से भी कई दस्तावेज मिलने की जानकारी मिली है।
छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश दोनों जगह चल रही जांच
कारोबारियों से सभी ठिकानों पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आयकर विभाग की 150 सदस्यीय टीम जांच कर रही है। वहीं सुरक्षा के लिए करीब 100 सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है। इन सभी को छापेमारी करने शुक्रवार की सुबह 5 बजे संबंधित ठिकानों पर रवाना किया गया। पहले ही ठिकानों की रैकी कर चुके आईटी के अफसरों ने दरवाजा खटखटाकर उठाया। इसके साथ ही उन्हें साथ ले जाकर होटल, रिसॉर्ट और रियल एस्टेट के दफ्तर और फर्म को खुलवाया। तलाशी के दौरान किसी भी कर्मचारी को दफ्तर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। केवल फर्म के संचालक और दफ्तर के प्रमुख प्रभारी को पूछताछ के लिए बुलवाया गया।