छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है रायपुर उत्तर, साल 2008 में आई अस्तित्व में, 2 बार कांग्रेस, 1 बार बीजेपी जीती

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Vivek Sharma
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छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है रायपुर उत्तर, साल 2008 में आई अस्तित्व में, 2 बार कांग्रेस, 1 बार बीजेपी जीती

RAIPUR. छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है रायपुर उत्तर विधानसभा, साल 2008 में आई अस्तित्व में, 2 बार कांग्रेस, 1 बार बीजेपी जीती 

रायपुर का इतिहास रतनपुर के कलचुरी वंश के विभाजन से जुड़ा हुआ है। बता दें कि रायपुर नगर की स्थापना 14वीं सदी में की गई थी। ऐसा इसीलिये क्योंकि रतनपुर के कलचुरी वंश को अपने सम्राज्य का विभाजन करने की जरुरत पड़ी थी। कलचुरी राजाओं के राज्य विभाजन के परिणामस्वरूप रायपुर की स्थापना हुई। जितना समृ्द्ध यहां का इतिहास है उतना ही खास यहां का राजनीतिक मिजाज है।



राजनीतिक मिजाज 



 रायपुर उत्तर विधानसभा सामान्य सीट है। राजधानी रायपुर के इस इलाके को वीआईपी और पॉश इलाका कहा जाता है। इस इलाके में सचिव स्तर तक के ब्यूरोक्रेट रहते हैं। प्रमुख व्यवसायिक स्थल भी इसी विधानसभा के हिस्से हैं। साल 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक दो बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी का कब्ज़ा रहा है। मौजूदा समय में कांग्रेस से कुलदीप जुनेजा यहां से विधायक हैं।



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राजनीतिक समीकरण 



 रायपुर उत्तर सीट पर कांग्रेस ने जहां दो बार अपना परचम लहराया तो वहीं एक बार बीजेपी को यहां से जीत नसीब हुई है। यहां से कांग्रेस विधायक कुलदीप जुनेजा के सामने बीजेपी के श्रीचंद सुंदरानी ने चुनाव लड़ा था लेकिन जुनेजा ने यहां से करीब 17 हजार मतों से सुंदरनी को हरा दिया। साल 2023 में एक बार फिर कांग्रेस की तरफ से जहां जुनेजा टिकट के प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं तो वहीं बीजेपी से सुंदरनी समेत कई अन्य उम्मीदवार भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।



जातिगत समीकरण 



 इस सीट पर करीब 2 लाख 5 हजार हजार मतदाता हैं। यहां सामान्य मतदाताओं की संख्या करीब 70 फीसदी है। इस विधानसभा में व्यवसायी वर्ग की बहुलता है। इनमें पंजाबी, सिंधी, गुजराती, उड़िया भाषा के मतदाताओं की संख्या काफी है। अजा वर्ग के करीब 10 फीसदी, अजजा वर्ग के करीब 2 फीसदी जबकि पिछड़ा वर्ग के करीब 20 फीसदी मतदाता हैं।



मुद्दे 

 सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित इस विधानसभा सीट पर मुद्दे अन्य सीटों के मुकाबले थोड़े अलग हैं। यहां विधायक के काम नहीं करवा पाने और सिर्फ प्रणाम-नमस्ते कर के रह जाने को जनता मुद्दा बताती है। वहीं इलाके में जो विकास कार्य हो रहे है वो भी बीजेपी के समय पर स्वीकृत हुए बताए जा रहे हैं तो वहीं इलाके की जनता मेकाहार में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलने से परेशान है। इस विधानसभा इलाके में आसानी से शराब की उपलब्धता से महिलाएं काफी परेशान हैं और वे भी विधायक से इस समस्या का समाधान करने कई बार बोल चुकी हैं लेकिन अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सदन में जुनेजा की चुप्पी और विकास कार्यों में भ्रष्टाचार जैसे आरोप भी विपक्षी दलों ने विधायक पर लगाए हैं।



इसके अलावा द सूत्र ने इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों और आमजनता से बात की तो कुछ सवाल निकलकर आए।



सवाल




  •  आप प्रणाम नमस्ते करते हैं, काम कुछ नहीं करते हैं, क्या कहेंगे इस बारे में ?


  •  इलाके में में जो काम हो रहे हैं, वह बीजेपी शासनकाल में स्वीकृत हैं ?



  • इन सवालों के जवाब में विधायक कुलदीप जुनेजा ने क्या कुछ कहा आपको सुनवाते हैं।




    • बीजेपी विपक्ष में है, उनका काम है आरोप लगाना।


  • 'प्रणाम-नमस्कार का जवाब देने से भी बीजेपी को दिक्कत है।

  • 'बीजेपी कोई एक काम बताए जो स्वीकृत उन्होंने करवाया हो।

  • '15 साल बीजेपी के समय स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल थी

  • मेकाहारा में सभी सुविधाएं मौजूद है, मशीनें है।

  • जनता को शराब से पेरशानी होती है तो वहां से दुकानें हटा देते हैं।



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