बगैर लायसेंस, बिना फिटनेस और बगैर इंश्योरेंस के दौड़ रही स्कूली बच्चों की गाड़ियां, पुलिस ने किया 67 गाड़ियों का चालान

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बगैर लायसेंस, बिना फिटनेस और बगैर इंश्योरेंस के दौड़ रही स्कूली बच्चों की गाड़ियां, पुलिस ने किया 67 गाड़ियों का चालान




नितिन निश्रा, Raipur. शहर की यातायात पुलिस ने शुक्रवार को स्कूली गाड़ियों के लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाया है। जिसमें पुलिस ने बगैर फ़िटनेस, बग़ैर इंश्योरेंस और बिना लाइसेंस के दौड़ रही कुल 67 स्कूली गाड़ियों का चालान काटा है। जिसमें बिना वर्दी के 8 वाहन, बिना लाइसेंस के 5 वाहन, बगैर इंश्योरेंस और बिना फिटनेश की 6 गाड़ियों और 34 गाड़ियां क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने वालों के साथ-साथ अन्य मामलों में चालानी कार्रवाई की है। 




बगैर कागज दौड़ रही स्कूली गाड़ियां



पुलिस के द्वारा चलाए गए इस अभियान में 67 वाहनों का चालान किया गया। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत स्कूली वाहनों में चल रही लापरवाही को लेकर अलग- अलग मामलों में चालानी कार्रवाई की गई है। सड़कों पर बिना फिटनेस, बिना इंशोरेंस, बिना लाइसेंस के स्कूली गाड़ियां बेखौफ दौड़ रहीं हैं।



स्कूली गाड़ी चालकों के पास लाइसेंस नहीं 



स्कूली वाहनों में क्षमता से अधिक सवारी बैठाकर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं सड़कों पर चलने वाली स्कूली गाड़ियों के चालकों के पास गाड़ी चलाने का लाइसेंस भी नहीं है। पुलिस के विशेष चेकिंग अभियान में इसका खुलासा तो हुआ है लेकिन गाड़ियों में  क्षमता से अधिक सवारी बैठाने की यह प्रथा लंबे समय से चलती आ रही है। गाड़ियों में ज़्यादा सवारी बैठाने से  दुर्घटना का होना लाजमी हो जाता है। कोर्ट के नियमानुसार एक ऑटो में 6 ही सवारी बैठाकर परिवहन किया जा सकता है। लेकिन स्कूली गाड़ियां नियमों को दरकिनार कर पैसों की ख़ातिर 15 से ज़्यादा सवारी बैठा लेते हैं। 



पालकों से पुलिस की अपील



यातायात DSP गुरजीत सिंह ने पालकों से विशेष अपील करते हुए कहा है कि अपने बच्चों को परिवहन करने वाले स्कूली ऑटो वाहन चालक के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी रखें। केवल मोबाइल नंबर लेकर ही चुप ना बैठे अपनी जिम्मेदारी समझे:- वाहन में किसी प्रकार के मैकेनिकल गड़बड़ी पाए जाने पर टोका टाकी करें ! वाहन चालक किसी भी प्रकार के नशे का आदि तो नहीं है यदि ऐसा है तो तुरंत ऑटो चेंज करें। वाहन चालक का व्यवहार बच्चों के प्रति कैसा है अपने बच्चों से भी वाहन चालक के व्यवहार के बारे में पूछ परख करते रहें। विशेषकर समय का ध्यान रखें, 10 मिनट  पहले चलें, लेट लतीफी न हो अन्यथा वाहन चालक टाइम मैनेज करने के लिए लापारवाही पूर्वक तेज रफ्तार वाहन चलाएगा, जो बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।



बस से गिर गई थी बच्ची 



दरअसल KPS स्कूल की एक पांच साल की बच्ची स्चलती हुई स्कूल बस से नीचे गिर जाती है और बगैर चेक किए बस आगे बढ़ जाती है। हालांकि बच्ची को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। यह पूरी घटना पास में ही लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो जाती है और वीडियो वायरल हो जाता है। बच्ची के बस से गिरने की घटना स्कूली बस में होने वाली सुरक्षा व्यवस्था के अभाव को दर्शाती है।


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