AMBIKAPUR. आरएसएस यानी भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत 3 दिवसीय दौरे पर 14 नवंबर को सरगुजा पहुंचेंगे। यहां वे 3 दिन रहेंगे और अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसमें भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
भागवत के दौरे को लेकर तैयैरियां पूरी
तय योजना के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के आगमन को लेकर संघ की स्थानीय इकाइयों की ओर से व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जहां- जहां वे कार्यक्रमों में शामिल होंगे वहां स्टेज सज्जा के साथ ही अतिथियों और स्वयंसेवकों के साथ ही आम लोगों के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। उनका सर्वप्रथम आगमन 14 नवंबर को सरगुजा संभाग के जशपुर जिले में होगा। वे यहां भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसी कड़ी में यहां स्थापित की गई पूर्व दिग्गज बीजेपी नेता और संघ के सक्रिय सदस्य रहे स्व. दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस मौके पर यहां जनजाति गौरव दिवस भी मनाया जाएगा।
आमसभा को संबोधित करेंगे भागवत
इसमें होने वाली आमसभा को आरएसएस चीफ डॉ. भागवत संबोधित करेंगे। इस तरह पहले दिन का उनका दौरा कार्यक्रम जशपुर के कार्यक्रमों में ही पूरा होगा। फिर वे वहां से अंबिकापुर आ जाएंगे। यहां पर 15 नवंबर को सरगुजा और कोरिया जिलों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभागों का संयुक्त पथ संचलन कार्यक्रम रखा गया है। इस पथ संचलन में डॉ. भागवत शामिल होंगे। इसी दिन शाम 4 बजे पीजी कॉलेज ग्राउंड में संघ का सार्वजनिक कार्यक्रम होगा, जिसे वे संबोधित करेंगे। इसके अगले दिन 16 नवंबर को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों की बैठक रखी गई है। इसमें वे शामिल होंगे और अपनी बात रखेंगे। इस तरह उनका दौरा कार्यक्रम पूरा हो जाएगा, लेकिन उनकी रवानगी अगले दिन 17 नवंबर की सुबह होगी और वे वापस नागपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।
स्वयंसेवकों में भरेंगे उत्साह, बताएंगे अपनी योजना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आगामी दिनों के लिए प्रचार- प्रसार समेत कई मुद्दों को लेकर कार्ययोजना बनाई गई है। सरगुजा संभाग में इसके विस्तार के लिए और इस पर अमल में लाने के लिए ही यह बैठक आयोजित की जा रही है। आरएसएस चीफ डॉ. भागवत यहां होने वाली बैठक में इसी को लेकर अपनी बात रखेंगे ताकि यहां के स्वयंसेवक पूरे संभाग में उसका विस्तार कर सकें। इसके साथ ही उन्हें अपनी- अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें उत्साहित करेंगे।