सीतापुर के रिहायशी इलाके में घुसे 40 हा​थी, कड़ाके की ठंड में ग्रामीणों के घर तोड़े, फसल भी बर्बाद कर रहे

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The Sootr CG
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सीतापुर के रिहायशी इलाके में घुसे 40 हा​थी, कड़ाके की ठंड में ग्रामीणों के घर तोड़े, फसल भी बर्बाद कर रहे

AMBIKAPUR. अंबिकापुर जिले में सीतापुर क्षेत्र के वनांचल में आदिवासियों का जीवन हाथियों ने नरक बना दिया है। अभी कड़ाके की ठंड के बीच 40 हाथियों का दल उनकी आबादी की ओर घुस आए हैं, जो उन्हें बेघर कर रहे हैं। मकान टूटने के अलावा उनके हमले से ग्रामीण अपनी संपत्ति और बाल-बच्चों को बचाने में जुटे हैं। इसी के साथ भी उन्हें खदेड़ने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। हाथी उनकी फसल को अलग नुकसान पहुंचा रहे हैं।



गांवों में  घूम रहे 40 हाथी



सीतापुर वन परिक्षेत्र में इन दिनों 40 हाथियों का दल घुस चुका है। इस समय वे यहां के पेटला, रजौटी, बंशीपुर, बेलजोरा जैसे गांवों के आस-पास मंडरा रहे हैं। फिर जब मौका मिल रहा है, घरों को तोड़ रहे हैं। अभी कई घरों को ये हाथी क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। वहां रखे सामान को भी नुकसान पहुंचाया है। गनीमत ये रही कि समय रहते लोग अपने मकानों को खाली कर सुरक्षित जगहों पर पहुंच गए, जिससे जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। 



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कड़ाके की ठंड में बेघर हो रहे ग्रामीण 



कड़ाके की ठंड में बच्चों के साथ घर छोड़ना भी बेहद कष्टदायक सिद्ध हो रहा है। इधर, जंगली हाथियों के दल में बच्चे भी हैं, जिसके कारण हाथी भी ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। वन विभाग की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें को सतर्क करने में जुटी है, जिससे कि जनहानि को रोका जा सके। इन सबके बाद भी जंगली हाथियों ने पांच मकानों को तोड़ने के साथ ही बड़ी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। 



बीते एक हफ्ते से पेटला और वंशीपुर गांव में हाथियों का डेरा 



बीते एक हफ्ते से बच्चों समेत 40 सदस्यीय जंगली हाथियों का दल वंशीपुर और पेटला के जंगल में डेरा डाले हुए हैं। वहीं पेटला के जंगल से होकर रजौटी के करीब पहुंच गए हैं। देर रात में विचरण करते हाथियों ने गांव मे उत्पात मचाया और खेतो में लगे आलू और गन्ने की फसल को काफी नुकसान किया है। वहीं इस दौरान हीरालाल चट्टानपारा रजौटी, गोविंद चट्टानपारा रजौटी समेत पांच ग्रामीणों का मकान तोड़ा है। जबकि पियारो नाम की महिला के खलिहान में रखे धान को भी खा लिया।


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